शतरंज में भूपेन्द्र चौहान ने जीता स्वर्ण पदक

May

जूनियर वर्ग में गौरव प्रजापत ने मारी बाजी

 विजेता खिलाड़ी को स्वर्ण पदक पहनाते अतिथि
विजेता खिलाड़ी को स्वर्ण पदक पहनाते अतिथि

झाबुआ। जिला चेस एसोसिएशन द्वारा जैन पब्लिक सकूल में आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय अंतरविद्यालयीन शतरंज स्पर्धा का रविवार को समापन हुआ। इसअ वस पर पुरस्कार वितरण किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह में सिंचाई विभाग के कार्यपालन यंत्री बीएस मोहनिया, मप्र शतरंज एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष यशवंत भंडारी, रोटरी क्लब के आगामी अध्यक्ष उमंग सक्सेना एवं नर्मदा ग्रामीण बैंक के प्रबंधक सुनील संघवी अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर एसोसिएशन की स्पर्धा संयोजक भारती सोनी ने कहा कि शतरंज एसोसिएशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय यह प्रतियोगिता बहुत ही सफल रहीं। जिसमें जिले की 11 से अधिक शैक्षणिक संस्थाओं के 38 विद्यार्थियों ने हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और शह और मात के खेल में एक-दूसरे को पटकनी दी। अतिथि मोहनिया ने कहा कि आदिवासी अंचल में इस तरह की प्रतियोगिता का होना, बड़ा ही सुखद संयोग है और निश्चित रूप से इस तरह की स्पर्धाओं से इस क्षेत्र के विद्यार्थियों के ज्ञान एवं बुद्धि का विकास होगा।
दूसरे दिन भी खेले गए दो राउंड
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष विवेकसिंह धाकरे बताया कि रविवार को सुबह 11 बजे से संस्था के हॉल में प्रतियोगिता पुन: प्रारंभ हुई। जिसमें सभी 38 प्रतियोगी उपस्थित हुए। स्वीस लिग पद्धति के आधार पर मैच प्रारंभ हुए। जिसमें आज भी सभी खिलाडिय़ों ने दो-दो मैच खेले।
ये रहे विजेता
स्पर्धा में सीनियर वर्ग में इंदौर पब्लिक स्कूल के भूपेन्द्र चौहान ने अपने चारो मैचो जीत विजेता का खिताब हासिल किया। इसी प्रकारं द्वितीय स्थान पर दिव्येश शर्मा संस्कार पब्लिक स्कूल थांदला एवं तृतीय आयुष देवलिया कैथोलिक मिशन स्कूल झाबुआ रहे। जूनियर वर्ग में गौरव प्रजापत संस्कार पब्लिक स्कूल ने बाजी मारी और वह प्रथम रहे। वहीं द्वितीय स्थान भव्य सोलंकी हिमालियन पब्लिक स्कूल थांदला तथा तृतीय स्थान सुनील परमार नवोदय विद्यालय थांदला ने प्राप्त किया। विषेश प्रोत्साहन पुरस्कार प्रतियोगिता के सबसे कम आयु के प्रतियोगी अनमोलसिंह धाकरे एवं छात्रा प्रतिनिधि के रूप में मोक्षदा जोशी को प्रदान किया गया।प्रतियोगिता में सीनियर एवं जूनियर वर्ग में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय रहने वाले प्रतियोगियों को क्रमश: स्वर्ण, रजत एवं कास्य पदक प्रदान किए गए। इसके साथ ही नकल राशि भी उन्हें पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गई।