राज्य आयोग के उपाध्यक्ष चेतन्य कश्यप ने कहा- स्वास्थ्य सेवाओं में झाबुआ नम्बर वन

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 झाबुआ लाइव के लिए दिनेश वर्मा की रिपोर्ट- केन्द्र सरकार ने नीति आयोग बनाकर अब विकास योजनाओं के निर्माण में आधारभूत परिवर्तन किया है। अब जमीनी आंकलन के बाद ही जिले की योजना को मंजूरी दी जाती है। गांव की आवश्यकता को देखते हुवे योजना को अंतिम रूप दिया जाता है। इसी लिये योजना आयोंग जिलो में बैठक आयोजित कर जिला कलेक्टरों से सुझाव आमंत्रित कर रहा है। उक्त बात राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष चेतन्य कश्यप ने जिला मुख्यालय पर कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में संपन्न राज्य योजना आयोग की बैठक में कही। बैठक में चार जिलों झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी के वर्ष 2018-19 के लिए विकेन्द्रीकृत जिला योजना के प्रस्तावों पर योजनाओं व उसके बजट पर विभागवार चर्चा की गई। बैठक में उपाध्यक्ष कश्यप ने कहा कि योजनाओं के लिए शासन स्तर से प्राप्त बजट का समुचित उपयोग करे। प्रधानमंत्री की मंशानुसार वर्ष 2022 तक प्रदेश को गरीबी मुक्त बनाना है इसके लिए सभी प्रशासनिक अधिकारी जमीनी स्तर पर ईमानदारी से काम करते हुए गरीब वर्ग के व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ देते हुए उनके जीवन स्तर में सुधार लाये। मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जहां पर आवास का अधिकार कानून बना है, कानून के तहत हर आवासहीन व्यक्ति को आवास उपलब्ध हो ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करे। बैठक में राज्य योजना आयोग के प्रमुख सलाहकार राजेन्द्र मिश्रा, पीसी बारस्कर, डॉ. बीएल शर्मा, एचपी बत्रा योजना विशेषज्ञ, कलेक्टर आशीष सक्सेना, कलेक्टर अलीराजपुर गणेश शंकर मिश्रा, कलेक्टर धार श्रीमन शुक्ल सहित चारो जिलों के पुलिस अधिकारी, सीईओ जिला पंचायत सहित चारो जिलों के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में योजना को पूर्व में बना कर क्रियान्वित करने का महत्व बताते हुए उपाध्यक्ष कश्यप ने कहा कि बडवानी एवं धार जिले में विस्थापित परिवारो को पुर्नस्थापित करने के लिए पूर्व से योजना बनाकर, अधिकारी की जवाबदेही तय करके काम किया जाता तो आमजन एवं प्रशासन को वर्तमान में समस्याओं का सामना नहीं करना पडता।
स्वास्थ्य सेवाओं में झाबुआ नम्बर वन
बैठक में योजना आयोग द्वारा तय 15 संकेतको के आधार पर सभी जिलो की समीक्षा कर स्थिति से अवगत कराया गया। बैठक में बताया गया कि योजना आयोग द्वारा तय संकेतको में स्वास्थ्य संकेतक में झाबुआ जिला स्वास्थ्य सेवाओं को आम जन को उपलब्ध करवाने में प्रदेश में पहले स्थान पर है। शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रो में पिछडा कहां जाने वाला झाबुआ जिला स्वास्थ्य सेवाएं देने में प्रदेश में नम्बर वन पर है, इसके लिए आयोग द्वारा कलेक्टर एवं पूरी स्वास्थ्य टीम की प्रशंसा की गई। बैठक में राज्य योजना आयोग के सलाहकार राजेन्द्र मिश्रा ने विकेन्द्रीकृत जिला योजना के संबंध में राज्य योजना आयोग की तरफ से जारी दिशा-निर्देशो से अवगत कराया।
सामाजिक कुरीतियों को रोकने के लिये सामाजिक सहयोग की हुई सराहना
बैठक में कलेक्टर झाबुआ आशीष सक्सेना ने सभी का स्वागत किया एवं आभार प्रदर्शन किया। बैठक में चारो जिलों के कलेक्टर ने अपने जिले की योजना एवं अपने नवाचार को बताया। बैठक में कलेक्टर ने जिले में सामाजिक अपराधों को रोकने के लिए एवं सामाजिक कुरीतियों पर अंकुश लगाने के लिये सामाजिक प्रमुख तडवी पटेल से सहयोग लेने के लिए किए अपने नवाचार की जानकारी दी जिसकी योजना आयोग उपाध्यक्ष कश्यप ने सराहना की एवं दहेज के बिना विवाह करने वाले परिवारो और संबंधित तड़वी को मंच पर सम्मानित करने के लिए कहा। जिस गांव में तड़वी द्वारा अधिक दहेज लेने की सूचना प्राप्त हुई उस गांव के तडवी को चाय पर बुलाकर बुराई को कम करवाने के लिए स्वेच्छा से कार्य करने के लिए प्रेरित किये जाने के तरीके की श्री कश्यप ने प्रशंसा की। कलेक्टर श्री सक्सेना ने जिले में शिक्षा व्यवस्था एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षको की कमी को उल्लेखित करते हुए रिक्त पदो पर भर्ती करवाने का अनुरोध भी किया एवं जिले में हाथीपावा पहाड़ी एवं चैनपुरा पहाड़ी पर जनसहयोग से किये गये पौधा रोपण कार्य की भी विस्तृत जानकारी दी। बैठक में झाबुआ जिले के लिए वर्ष 2018-19 के लिए 116953.40 लाख की योजना प्रस्तावित की गई। बड़वानी जिले के लिए वर्ष 2018-19 के लिये 108191.95 लाख, की योजना, धार जिले के लिए वर्ष 2018-19 के लिये 270977.50 लाख की एवं अलीराजपुर जिले के लिए वर्ष 2018-19 के लिये 82039.64 लाख की योजना प्रस्तावित की गई।
झाबुआ जिले के लिए नदियो पर स्टॉपडेम की योजना हुई अनुमोदित
जिले के लिए कलेक्टर ने नदियों पर जहां संभव हो रबी फसल की सिंचाई के लिए छोटे-छोटे स्टॉप डेम बनाने की योजना प्रस्तावित की। योजना आयोग द्वारा योजना की उपयोगिता को देखते हुए जिले में नदियो पर बनने वाले स्टॉप डेम की योजना को अनुमोदित किया।

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