मीडिया से दूरी बनाने के DGP के फैसले का ” वायरल टेस्ट ” सिर्फ झाबुआ – अलीराजपुर Live पर

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झाबुआ – अलीराजपुर Live के लिए “फिरोज खान ” बबलू” की EXCLUSIVE पड़ताल 

विगत 72 घंटों से सोशल मीडिया ओर कुछ समाचार पत्रों मे एक खबर ओर मैसेज वायरल हो रहा है कि मध्यप्रदेश पुलिस के मुखिया श्रृषी शुक्ला ने पुलिस के अधिकारियों को मीडिया से दुरी बनाने ओर दोस्ती ना रखने की हिदायत दी है इसके बाद कई तरह की प्रतिक्रियाऐ सामने आई । यह आज वाकई चोंकाने वाला था इसलिए झाबुआ- अलीराजपुर लाइव ने अपने डायरेक्टर फिरोज खान को इस खबर की पड़ताल याने वायरल टेस्ट करने का बोला । फिरोज खान के सामने दो महत्वपूर्ण सवाल थे कि क्या वाकई पुलिस के मुखिया ने ऐसा बोला है ? अगर हा तो उनका आदेश या ट्वीटर पर संदेश या वीडियो स्टेटमेंट शायद उपलब्ध हो ? दूसरा यह कि क्या ऐसा कोई आदेश जिलों मे पहुंचा है ? फिरोज खान ने अपनी पड़ताल शुरु करने के पहले पुलिस मुख्यालय संपक॔ साधा तो बताया गया कि मीडिया से दूरी बनाने का कोई आदेश नहीं निकला है अलबत्ता सोशल मीडिया मे पुलिस अधिकारियों ओर कम॔चारियों की जवाबदेही तय की गयी है जो कि पुलिस विभाग की सेवा संहिता का हिस्सा है ! इसके बावजूद हमारे डायरेक्टर फिरोज खान ने डीजीपी के ट्वीटर हेंडिट को खंगाला तो उसमें भी ऐसा कोई आदेश या संदेश नहीं था । अब डीजीपी के आदेश है या नहीं इसकी पुष्टि जिलों मे पहुंचे आदेशों या टीवी चैनलों से या अखबारों की वेबसाइट से हो सकती थी । फिरोज खान ने प्रमूख अखबार  नईदुनिया & पत्रिका के अलावा अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ; टाइम्स आफ इंडिया ओर इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट को खंगालना शुरू किया लेकिन उन्हे वहां भी डीजीपी को कोड करते हुए ऐसा कोई समाचार नहीं मिला ओर ना ही बडी समाचार एजेंसीयों पीटीआई – भाषा ; एएनआई & रीजनल चैनल सहारा समय ; जी मीडिया- नेटवर्क 18  पर ही ऐसी कोई खबर थी । इसके बावजूद हमारे डायरेक्टर फिरोज खान ने अलीराजपुर एसपी विपुल श्रीवास्तव & झाबुआ एसपी महेशचंद्र जैन से संपर्क साधा ओर डीजीपी के उस आदेश के बारे मे पूछा कि क्या मीडिया से दोस्ती ना रखने या दूरी बनाने संबंधी आदेश या निर्देश लिखित या मोखिक मिले है ? इस पर दोनों जिलों के एसपी ने बताया कि ऐसा कोई आदेश जारी ही नहीं हुआ है बल्कि सोशल मीडिया मे पुलिस का व्यवहार कैसा हो इस संबंध मे जवाबदेही तय करने के आदेश हुए है जो बेहद जरुरी ओर प्रासंगिक है लेकिन शायद सोशल शब्द हटाकर कुछ लोगों ने सुविधानुसार व्याख्या कर ली है । इस तरह तमाम पड़ताल के बाद हमारी पडताल मे पुलिस अधिकारियों की मीडिया से दोस्ती ना रखने के डीजीपी के फरमान वाली खबर या वायरल मैसैज झुठा पाया गया । 

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