माही का पानी नहीं मिलने पर किसानों ने किया मतदान का बहिष्कार

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जीवनलाल राठौड़, सारंगी
सारंगी झाबुआ जिले की सबसे बडी योजना माही परियोजना जो करोडो रूपये की लागत से संचालित की जा रही है जिससे किसानो को सीधा फायदा दिया जा सके। लेकिन माही परियोजना के निष्क्रीय अधिकारीयो की लापरवाही के चलते किसानो को परेशानी का सामना करना पड रहा है। रूणजी गाँव से लगे 7 किमी क्षेत्र के सैकडो लोग काफी परेशान है। उनके गांव मे माही नहर तो पंहुची लेकीन पानी नसीब ना हुआ। उनकी फसलो पर सीधा असर हो रहा है लेकीन जिम्मेदार अधिकारी आंखे मूदें बैठे है ऐसे मे ग्रामीण अब आंदोलन की राह चुन चुके है।
क्या है मामला –
पेटलावद तहसील के ग्राम रूणजी मे सैकडो किसानो ने माही नहर मे पानी नही दिये जाने से आक्रोशित होते हुए प्रशासन व राजनीतिक पार्टीयो के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मतदान बहिष्कार की बात कह डाली है। ग्रामीणो का कहना है की जब से क्षेत्र मे माही नहर आई है जब से हमे पानी नही मिल पाया है, साथ नहर निर्माण मे भी भारी भ्रष्टाचार करते हुए नहर को घटीया तरीके से निर्माण किया गया है। जिससे आज तक हमे नहर का पानी नही मिल पा रहा है और हमारी फसले सूख रही है हमारे परिवार के पालन पोषण मे बंद माही नहर रूकावट बनकर खडी है। हमने बीते 5 सालो मे सत्ताधारी दल से लेकर प्रशासन के बडे -बडे अधिकारीयो तक हमारी बात पंहुचाया है लेकीन किसी के भी द्वारा हमारी समस्या की और ध्यान ही दिया गया, जिसके चलते मतदान दिवस के मात्र 6 दिन पहले हमे हमारी मांग को लेकर आंदोलन करना पड रहा है। क्योकी हमे पानी से वंचित रखा जा रहा है और अगर हमारी ही पूरी नही की जाती या हमारी समस्या की और ध्यान नही दिया जाता है तो फिर हमारे मतदान का क्या महत्व है। हम सभी मतदान का बहिष्कार करेगें साथ राजनितिक पार्टीयो एंव प्रशासन का विरोध दर्ज करवाएगें।
खेत पडे खाली –
ग्राम रूणजी के 7 किमी के क्षेत्र मे सालो से माही नहर का पानी नही पंहुचा है जिससे क्षेत्र के किसान अपने फसलो को अपनी आंखो सामने सुखता देख रहे है। क्षेत्र मे कई खेत सुखे पडे है तो कई खेतो मे फसले ही नही बोई गई है।  क्योंकि सालो किसान परेशान है माही के पानी आस मे वह फसलो को अपने खेत मे लगा देते है लेकीन पानी के अभाव उनकी फसले सुख जाती है जिससे उन्हे उनकी लगाई गई लागत भी नसीब नही होती है।
जिम्मेदार का कहना –
मैंने विभाग के एसडीओ को भेजा है। मामला दिखवाते है कई जगह किसान पानी बीच-बीच मे नहरो मे मिट्टी का बांध बनाकर रोक लेते है, जिससे भी इस तरह की समस्या उत्पन्न होती है अगर इस तरह का मामला सामना आता है तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। – पीसी सांखला, ईई जल संसाधन विभाग पेटलावद।
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