माँ, मातृभूमि ओर मातृभाषा का विकल्प नही – अतुल कोठारी

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झाबुआ Live डेस्क

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रचार-प्रसार प्रमुख की अखिल भारतीय बैठक मध्यप्रदेश के ग्वालियर में आयोजित हुई। जिसमें समूचे भारत वर्ष में न्यास के प्रचार-प्रसार का काम देख रहे अलग-अलग राज्यों से लगभग 14 प्रान्तों के प्रभारियों ने भाग लिया। इस दौरान न्यास के केंद्रीय पदाधिकारियों ने सभी प्रांतों में हो रही न्यास की गतिविधियों पर चर्चा की व भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में आवश्यक दिशा निर्देश दिये। इस अखिल भारतीय बैठक में झबुआ से ओम शर्मा प्रान्त संयोजक एवं भारतीय भाषा अभियान के सह प्रान्त संयोजक मुकुल सक्सेना ने भाग लिया।शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य व प्रयास किये जा रहे हैं। शिक्षा में आवश्यक बदलाव के लिये निरंतर प्रयासरत न्यास भारत वर्ष के विभिन्न शिक्षाविदों के साथ मिलकर नई शिक्षा नीति, शिक्षा में भारतीयता जैसे मुद्दों पर कार्य कर रहा है। न्यास शिक्षा के अलावा 14 से भी अधिक प्रकल्पों पर कार्य कर रहा है। न्यास आवश्यक एवं ठोस मुद्दों पर रणनीत बनाकर राष्ट्रहित में उपयोगी व जरूरी कार्यों को करने की दिशा में सदैव अग्रसर व प्रयासरत है।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का मूलमंत्र है कि देश को बदलना है तो शिक्षा को बदलो, माँ-मातृभाषा-मातृभूमि का कोई विकल्प नहीं, समस्या नहीं समाधान पर चर्चा करो, जनता को न्याय जनता की भाषा में आदि। आपको बता दें कि न्यास द्वारा किये जा रहे 14 से भी ज्यादा विषयों पर कार्य के लिये पूरे देश में अलग-अलग राज्यों में प्रांत स्तर पर प्रत्येक विषय के प्रांतीय संयोजक और पदाधिकारी नियुक्त हैं। न्यास की नीतियों और उद्देश्यों का प्रचार-प्रसार करने हेतु प्रांतीय संयोजक प्रचार-प्रसार भी नियुक्त किये गये हैं। इन्हीं प्रचार-प्रसार प्रमुखों की अखिल भारतीय बैठक मध्यभारत ग्वालियर में 25 अगस्त को आयोजित की गई, जिसमें लगभग अलग-अलग राज्यों से 14 प्रान्तों से 27 सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व शिक्षामंत्री जयभान सिंह पवैया रहे। इस दौरान पूर्व मंत्री ने कहा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास बहुत ही सही एवं ठोस विषयों पर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री रहते हुये हमने मंच से अपने उद्बोधन में न्यास के स्लोगन “देश को बदलना है तो शिक्षा को बदलो” जहाँ-जहाँ भी बोला वहाँ इस दौरान सबसे ज्यादा तालियाँ बजती थीं। न्यास के उद्देश्यों व नीतियों के हम भी कायल हैं। उन्होंने बताया कि न्यास के साहित्य को भी हमने खूब पढ़ा है, शिक्षा में आवश्यक बदलाव हकीकत में देश को बदलने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा में भारतीयता व बदलाव आवश्यक है। न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी  के सानिध्य में संपन्न हुई इस बैठक में प्रान्तों में हो रही न्यास की गतिविधियों की विस्तृत चर्चा की गई और न्यास से सम्बंधित नीतियों और उद्देश्यों व भविष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के बारे में प्रांत के प्रचार-प्रसार प्रभारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये गये।
कानपुर से इस बैठक में भाग लेने पहुँची शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास कानपुर प्रांत की प्रांतीय संयोजक डॉ0 बिंदु ने बताया कि कानपुर में न्यास के प्रचार-प्रसार का दायित्व निभा रहे (प्रांतीय संयोजक प्रचार-प्रसार) सर्वोत्तम तिवारी के साथ ग्वालियर में हुई इस अखिल भारतीय बैठक में शामिल हुये। जिसमें निकट भविष्य में न्यास के कार्यक्रमों की जिम्मेदारी व आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये हैं। इस बैठक में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव भाई अतुल कोठारी,  राष्ट्रीय संयोजक प्रचार प्रसार अथर्व शर्मा, राष्ट्रीय संयोजक शिक्षा उत्थान पत्रिका जुगुल किशोर, मेरठ प्रांत के संयोजक समीर कौशिक, प्रांत प्रमुखों में केरल, झाबुआ, जबलपुर, दिल्ली, ग्वालियर, महाराष्ट्र, मेरठ, कानपुर, महाकौशल, सागर प्रांत सहित एक दर्जन से ज्यादा प्रान्तों के सदस्यों ने भाग लिया।

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