मदर टेरेसा को वेटिकन में संत की उपाधि मिलने पर इसाई समाज ने निकाला चल समारोह

May

2झाबुआ। शांति नोबल से पुरस्कृत मदर टेरेसा को भारतीय समय अनुसार रोम वेटिकन में दोपहर 2 बजे संत की उपाधि से सुशोभित किया गया। झाबुआ में इसी खुशी को मनाते हुए कैथोलिक इसाई समाज ने रविवार को सुबह साढ़े 7 बजे मदर तेरेसा आश्रम एलआईसी कॉलोनी से चल समारोह में मदर की मूर्ति को सह सम्मान महागिरजा घर झाबुआ तक लेकर आए। इस दौरान चल समारोह का स्वागत दिलीप गेट पर श्रद्धालुओं द्वारा किया गया। मदर की प्रतिमा महागिरजा घर में पहुंचने के बाद पवित्र मिस्सा का अनुष्ठान श्रद्धेय फादर पीटर खराड़ी एवं फादर पीटर कटारा, फादर स्टीफन, फादर सोनु, फादर निरंजन, फादर मनोज एवं फादर रॉकी शाह के द्वारा किया गया। फादर पीटर खराडी ने अपने प्रवचन में लोगों को मदर तेरेसा की तरह साधारण जीवन जीते हुए हमेशा प्रभु यीशू के बताये हुए मार्ग पर चलने के लिए आव्हान किया। मदर टेरेसा का जन्म युगोस्लाविया के स्काप्जे शहर में 27 अगस्त सन 1910 में हुआ था। वे 6 जनवरी 1929 को भारत आई। 24 मई 1937 को उन्होंने आजीवन वृत धारण कर तेरेसा नाम को अपनाया। 1946 में दार्जलिंग की ओर यात्रा करते समय गरीबों की तकलीफ को देख कर उनका हृदय पसीज गया। 16 अगस्त 1948 को उन्होने अपना मठ छोड़कर गरीबों की सेवा करने का निश्चय किया। 7 अक्टूबर 1950 को परोपकार की बहनें मीशनी आफ चेरेटी नामक नए धर्म संघ की स्थापना मदर टेरेसा को उनके अमूल्य कार्यो के लिए कई विशिष्ठ पुरस्कारों से विभूषित किया गया था। 1962 पदमश्री अवार्ड, 1971 में शांति अवार्ड, 1972 जॉन एफ केनेडी अंर्तराष्ट्रीय अवार्ड, 1979 नोबल शांति पुरस्कार, 1980 भारत रत्न, जैसे अन्य कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वर्तमान में ये संस्था 133 देशों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। पवित्र मिस्सा के बाद सभी ने एक दूसरे को बधाई दी। मधुर गीतों का संचालन युवक युवतियों के दल द्वारा किया गया। उक्त जानकारी फादर रॉकी शाह डायोसिस पीआरओ ने दी।