भाजपा नेता व नगर पालिका उपाध्यक्ष विक्रम सेन पर षड्यंत्र की हो सीबीआई जांच : कलावती भूरिया

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झाबुआ। अलीराजपुर नगर पालिका अध्यक्ष सेना पटेल के नेतृत्व में नगर पालिका परिषद द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान नगर में जो विकास कार्य किए उससे बौखला कर भाजपा नेताओं ने नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ फर्जी तरीके से बदनाम करने की कुत्सित प्रयास में लगे हुए है। भाजपा नेताओं ने नगर पालिका उपाध्यक्ष विक्रम सेन को मोहरा बनाकर फर्जी तरीके से सीम प्राप्त कर अलीराजपुर नगर पालिका अध्यक्ष सेना पटेल की अग्रिम जमानत खारीज करवाने के लिए हाई कोर्ट जज आलोक वर्मा को जो संदेश भेजे थे उसकी जिला कांग्रेस कड़े शब्दों में निंदा करती है। विक्रम सेन का यह कृत्य भाजपा नेताओं के संरक्षण में किया गया है। इससे भाजपा की चालए चरित्र और चेहरा उजागर हो गया है। उक्त आरोप जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया, सांसद प्रतिनिधि एवं जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लगाया है। भूरिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के संरक्षण में अपराधी फल-फूल रहे है तथा वे सत्ता के में बने रहने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। भूरिया ने कहा कि विक्रम सेन तो केवल एक मोहरा है। अगर इसकी निस्पक्ष जांच की जाए तो इसके पीछे भाजपा विधायक सहित कई भाजपा नेताओं के चेहरे उजागर होंगे। भूरिया ने कहा कि विधायक एवं भाजपा नेताओं के विक्रम सेन से किए गए कॉल की डिटेल्स की जांच की जाए जिससे की इस पूरे षडंयत्र का पर्दाफाश हो सके। भाजपा नेताओं ने अपने विपक्षी को नीचा दिखाने के लिए न्यायपालिका का भी घोर अपमान किया है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है ऐसे लोगों को कड़ी से कडी सजा ही मिलनी चाहिए ताकि अपने घृणित उददेश्य को पूरा करने के लिए न्यायपालिका को भी दुरूपयोग न कर सकें। गौरतलब है कि नगर पालिका अध्यक्ष सेना पटेल एवं पति महेश पटेल ने कोतवाली में बयान दर्ज कर पूरे इस षड्यंत्र में विधायक सहित अन्य लोगों के शामिल होने की बात कही थी। सीम जारी करने वाली डिस्ट्रीब्युटर मुकेश राठौर भी विधायक का निकटतम साथी है। सेना के मुताबिक वर्ष 2012 में वे विधायक की पत्नी अनिता चौहान को हराकर नगर पालिका अध्यक्ष के पद पर काबिज हुई थी। उसके बाद सेना पटेल ने विधायक पद के लिए भी चुनाव लड़ा था। आगामी चुनाव को देखते हुए नगर पालिका अध्यक्ष सेना पटेल एवं कांग्रेस को बदनाम करने के लिए यह षड्यंत्र सोच.समझ कर रचा गया। भूरिया ने कहा कि भाजपा अपने आप को अनुशासित पार्टी कहती है तो वह क्यों नहीं उपाध्यक्ष विक्रम सेन को पार्टी से बर्खाश्त कर रही है। इससे भाजपा की कथनी व करनी का अंतर साफ नजर आ रहा है। भूरिया ने मांग की है कि इसकी सीबीआई से निस्पक्ष जांच की जाए जिससे की भाजपा नेताओं के असली चेहरे जनता के सामने उजागर हो सके।

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