भागवत कथा में बोले पंडित कमलेश चतुर्वेदी :माता पिता और गुरु शरण से व्यक्ति कभी मुक्त नहीं होता

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राहुल राठौड़, जामली
ग्राम जामली में तीन दिन से चल रही भागवत कथा को सुनने में भक्तों का तांता लगा रहा है। वही पंडित कमलेश चतुर्वेदी के मुखारबिन्द से कथा का वाचन चल रहा है। तीसरे दिन पंडितजी द्वारा कथा में में श्रद्धालु को प्रवचन देते हुआ कहा कि माता पिता और गुरु शरण से व्यक्ति कभी मुक्त नहीं होता। सनातन धर्म सब को साथ चलना सिखाता है अत: दक्ष प्रजापत के वर्णन में कहा गया जितना कर सको कर लो बाकी भगवान अपने आप अपने कार्यो का समापन कर देंगे। जीवन सहन शीलता रखना जरुरी है वह व्यक्ति जब मरता है तो तीन रूप में परिवर्तित हो जाता है जब वह अच्छे कर्म करते हुए जाता है तब मरते समय व्यक्ति के चेहरे पर हंसी में परिवर्तित हो जाता है। इस लिए मनुष्य को हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए जिससे वह मोक्ष को प्रात: होता है कथा सुनने के लिए आस पास के क्षेत्र से भी श्रद्धालु एकत्रित हो रहे है। प्रतिदिन आयोजन समिति द्वारा कथा में अलग-अलग आयोजन किए जा रहे हैं।

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