अर्पित चोपड़ा-खवासा
मालव माटी के संत पंडित कमल किशोरजी नागर के मुखारविंद से नगर में प्रथम बार हो रही श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन भव्य कलश यात्रा निकाली गई । कलश यात्रा सुबह 10 बजे हनुमान मंदिर से शुरू हुई जो लोहार रोड, निम चोक, ढारिया भेरू चोक, राम मंदिर, किसान बाजार, मुरली मोहल्ला, मुख्य चौराहे से होते हुए कथा स्थल पर पहुँची । कलश यात्रा का हर गली-मोहल्ले चौराहे पर भव्य स्वागत किया गया । कलश यात्रा के आगे दो वरिष्ठ जन दो अश्व(घोड़े) पर ध्वजा लेकर चल रहे थे उनके पीछे बालिका-महिलाएं कलश लेकर शामिल हुई । शाही बग्गी में सावारियां सेठ की तश्वीर रखी थी । कलश यात्रा दोपहर 12 बजे कथा स्थल तक पहुँची। कलश यात्रा में युवा और महिलाएं नाचते हुए चल रहे थे । वही कलश यात्रा में भागवत का नगर में जगह-जगह पुष्प बरसाकर स्वागत किया।
कथा से पहले किया पूजन
कथा स्थल पर भागवत गीता पहुंचने के बाद कमलकिशोर जी नागर ने भागवत गीता और भगवान का पूजन किया । उन्होंने पहले दिन की कथा में कहा यदि हम प्रभु भजन करते रहेंगे तो अंत तक हमारी स्थिति ठीक रहेगी।अंत भी अच्छा होगा।हम अपने पुत्र को नही सुधार सकते है तो हमको कथा नही सुनना चाहिए । मानव जीवन मे इंसान मोह में ही घिरा हुआ है । नदी में जिस प्रकार बाढ़ आने पर मछली पानी के साथ चली जाती है और बाढ़ के आने पर हाथी गिर जाता है क्योकि मछली पानी के साथ मिलजुल कर रहती है इसलिए साथ मे रहती है परंतु एक बार के हाथी नहाने से वो पानी में आई बाढ़ का सामना नही कर पाता है और वो गिर जाता है इसी तरह मानव जीवन मे हर आदमी और महिला को भगवान से जुड़े रहना चाहिए । सुबह शाम भगवान का सतसंग करना चाहिए,भगवान ही हमे सही मार्ग पर चलने के प्रेरणा देते है इसलिए हमें भगवान का साथ नही छोड़ना चाहिए । संतश्री नागरजी के द्वारा गाए गीत मेरे नय्या पड़ी है मझधार प्रभु इसे पार लगा देना ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया । कथा के अंत मे आरती उतारी गई । 11 दिसंबर तक प्रतिदिन कथा दोपहर 12 से 3 तक खेल मैदान, बामनिया रोड खवासा पर होगी ।
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