बड़ी ख़बर: पेटलावद के 12 गांवों के किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी, यह है बड़ी वजह…

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सलमान शेख@झाबुआ Live 

कभी खाद की किल्लत से तो कभी मौसम की मार से किसानों को खामियाजा भुगतना पड़ता है। अब सिस्टम की मार से भी किसान परेशान और चिंतित है।
मामला माही नहर से जुड़ा हुआ हैं। दरअसल, माही परियोजना की नहर से मिलने वाले पानी में लेटलतिफी के कारण अब किसानों आंदोलन की राह पकड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के जिला महामंत्री जितेंद्र पाटीदार, तहसील अध्यक्ष ईश्वरलाल पाटीदार ने बताया माही परियोजना का जब शेड्यूल था कि ग्राम करवड़, रामगढ़, गोदडिया, करनगढ़, पत्थरपाड़ा, सारंगी, जामली, बावड़ी, रायपुरिया, रूपगढ़, झोंसर ओर कोदली क्षेत्र में किसानों को 26 नवंबर से लेकर 11 दिसंबर तक पानी छोड़ा जाना था, लेकिन विभाग के अधिकारियों की मक्कारी और उदासीनता के कारण हमें आज पानी नहीं मिला। जब हमने इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा की तो वे अब 28 नवंबर को नहर में पानी छोड़ने की बात कह रहे है, ऐसे में हमे दो दिन पानी लेट मिलेगा। इससे हमारी फसले प्रभावित होना तय है। 26 को नहर में पानी छोड़े जाने को लेकर हमने बोवनी कर दी। अब पानी नहीं मिलने से गेंहू के पौधे अंकुरित नही हो पाएंगे। एक और खरीफ फसल को मौसम की मार ने खराब कर दिया और दूसरी ओर रबी फसल से हमें आस थी तो सिस्टम में बैठे अधिकारी हमे परेशान कर रहे है। ऐसे में हम आंदोलन की राह पकड़ने पर मजबूर है। हमे आज ही नहर में पानी चाहिए नही तो हम स्टेट हाइवे पर चक्काजाम कर देंगे।
बता दे कि इस मामले में अभी तक किसी अधिकारी का बयान सामने नही आया है।

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