प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अनियमितताओं को लेकर जनप्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी

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भूपेंद्रसिंह नायक, पिटोल
जिले का एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जहां पर महीने में करीब 200 के आसपास प्रसूति होती है परंतु इस स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसूता ओं के परिजन एवं प्रसूती वाली महिला से प्रसूति कराने वाले स्टाफ द्वारा काफी मात्रा में रुपया वसूला जाता है जिस की खबरें कई बार समाचार पत्रों के माध्यम से लगने के बावजूद भी यहां कोई स्टॉफ पर कार्यवाही नहीं हुई जिसके चलते गांव के लोग एवं जनपद प्रतिनिधि प्रेमा भाबोर एवं बलवंत मेडा के द्वारा अवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई कल रात्रि में गांव बावड़ी बड़ी की कमला मेडा की रात्रि 9 बजे प्रस्तुति हुई। प्रसूति के बाद कमला की तबीयत खराब होने लगी जिस पर उसे झाबुआ जिला अस्पताल ले जाने के लिए कहा परंतु परिजनों से गाड़ी में दाहोद अस्पताल ले जा रहे थे, तभी रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई जिसके लिए परिजनों ने अस्पताल पर की नर्सों पर सही वक्त पर इलाज नहीं करने का आरोप लगाया। सुबह जनप्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य केंद्र जाकर इलाज की जानकारी चाही तो वहां कोई जवाबदार नहीं मिला। क्योंकि स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ डॉ अंतिम बडोले 45 दिन की ट्रेनिंग के लिए बाहर गए हैं परंतु इतनी प्रस्तुति वाले स्वास्थ्य केंद्र में कोई भी व्यवस्था जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं की गई और नर्सों और स्वीपर ड्रेसर के भरोसे पर ही स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है जिसके परिणाम स्वरूप यहां केवल नर्सों और द्वारा स्वीपर द्वारा अवैध वसूली का प्रस्ताव की जान से खिलवाड़ कर रही है।
अस्पताल परिसर में ही चल रहा है अवैध रूप से दवाखाना
जब जनप्रतिनिधियों ने इस अस्पताल के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करा रहे थे तभी परिसर के अंतर डॉ अंतिम बडोले के निवास स्थान पर उनका भतीजा यशवंत बडोले अवैध तरीके से मरीजों को बोतल चढ़ा कर इलाज कर रहा था तभी जनपद सदस्य बलवंत मेडा एवं पेमा भाबोर द्वारा उससे यह जानकारी चाहिए कि साहब बाहर ट्रेनिंग पर गए हैं। तब आप यह इलाज क्यों कर रहे हैं? तब यशवंत द्वारा बलवंत मेडा से कहा कि तेरे से जो हो वह कर ले तब जनप्रतिनिधियों ने मीडिया को बुलाकर इसके बारे में अवगत कराया जब मीडिया से यशवंत की डिग्री के बारे में जानना चाहा तो उसके पास कोई डिग्री नहीं होना बताया मेरे पास यहां कोई मरीज आता है तो मैं मेरे अंकल अंतिम बडोले को फोन पर मरीज की स्थिति देखकर फोन से इलाज पूछकर करता हूं। यह तो ऐसा हुआ कि झाबुआ जिले में डिग्री धारी डॉक्टरों की आड़ में झोलाछाप ट्रीटमेंट चल रहा है इस बीच बिना डिग्री वाले डॉक्टर के हाथ किसी मरीज की मौत हो जाए तो इसका जवाबदार कौन?

सीएचएमओ ने लिया स्वास्थ्य केंद्र का जायजा
जब जनप्रतिनिधि पेमा भाबोर एवं बलवंत मेडा की सूचना पर झाबुआ मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर डीएस चौहान ने स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया एवं स्वास्थ्य की अव्यवस्थाओं के बारे में जनप्रतिनिधियों से चर्चा की जिनमें रात्रि और दिन वाली नर्सों द्वारा रुपया लेना बताया और डॉक्टर नहीं होने पर डॉक्टर की वैकल्पिक व्यवस्था अस्पताल परिसर में अवैध दवाखाना संचालन की समस्या सुनी और उन्होंने जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया जल्दी हम नर्सों को कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई करेंगे। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के समक्ष जनप्रतिनिधियों में प्रेमा भाबोर, बलवंत मेड़ा, पिटोल सरपंच कान्हा गुडिय़ा, तड़वी भाटिया, बालू बिलवाल, शैतान बिलवाल, सुमेर बिलवाल, सुमेर बवेरिया, नरपत भाबोर आदि लोग मौजूद थे।
जिम्मेदार बोल-
आप सब लोगों ने अस्पताल के बारे में जो अव्यवस्थाओं की जानकारी दी है हम जल्दी ही कार्रवाई करेंगे। डॉक्टर डीएस चौहान, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी झाबुआ

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