यहां देखिये वीडियो: एमपी अजब है सबसे गजब है…कहने को सरकारी अस्पताल लेकिन होता है प्रायवेट जैसा इलाज
सलमान शैख़@ झाबुआ Live
बीती रात हुए सरकारी सिविल अस्पताल में भोलेभाले ग्रामीण आदिवासियो से डिलवरी के बाद अवैध वसूली के मामले में पेटलावद बीएमओ ने कार्यवाही की है। मामले में 1 स्वीपर को निष्कासित कर दिया गया है, वहीं किरण तोमर नर्स के खिलाफ सीएमएचओ को कार्यवाही के लिए पत्र भेजा गया है। माना जा रहा है कि अब कल सोमवार को ही उक्त नर्स के खिलाफ कार्यवाही के आदेश निकल सकते है।
यह था पूरा मामला-
दरअसल, आज सुबह एसडीएम शिशिर गेमावत के समक्ष गुणावद और रूपापाड़ा गांव से आए ग्रामीणों ने गर्भवती महिला की डिलवरी के बाद उनके परिजनों से 1700 और 1200 रूपए नर्सो द्वारा लेने शिकायत की थी। इसके बाद उन्होंने नायब तहसीलदार को मामले की जांच के निर्देश दिए। नायब तहसीलदार परवीन अंसारी खुद अस्पताल पहुंची और मामले की जांच की और पंचनामा बनाकर एसडीएम शिशिर गेमावत के समक्ष पेश किया था।
बीएमओ द्वारा जारी आदेश में बताया गया कि नायब तहसीलदार ने जब मौके पर पंचनामा बनाया तो उपस्थित नर्स श्रीमती किरण तौमर व सफाईकर्मी श्रीमती राधाबाई बसोड़ ने प्रसूताओं के परिजनों से 1200 ओर 1700 रुपये लेना स्वीकार किया। शनिवार रात को कुल 8 डिलवरी हुई, जिसमे से दो महिलाओं ने इसकी शिकायत की थी।
पहले भी हुई थी शिकायते –
यह पहली दफा नही है जब सिविल अस्पताल में डिलवरी के बाद गर्भवती महिलाओं से पैसे लेने के शिकायत हुई है। बल्कि पहले भी ऐसे कई मामले उजागर हुए है, लेकिन आज तक न तो सही तरीके से जांच हो पाई और न ही लापरवाहों पर कोई कार्रवाई हो सकी। नतीजा इनके हौंसले दिन-ब-दिन बुलंद होते जा रहे थे, लेकिन इस बार इन सभी पर कार्यवाही होना चाहिए। कुछ मामले ऐसे होते है जो सिविल अस्पताल से निकलकर बाहर आते है, तो सिविल अस्पताल में क्या हो रहा है, इसकी सच्चाई उजागर हो जाती है।
मेरी पत्नी से लिये थे पैसे-
ग्राम गुणावद के थावरा गरवाल ने बताया वे रात में उनकी पुत्री रेखा गरवाल को पहली डिलवरी के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां रात में उनकी पत्नि से रात में ड्यूटी करने वाली नर्स ने 1200 रूपए दिए। सरकारी अस्पताल में जब इलाज फ्री है तो नर्स ने किस बात के रूपए उनकी पत्नि से लिए।
मेने दिए 1200 रुपये-
– सोवनी पति थावरा गरवाल ने बताया रात में मेरे पति के साथ मेरी पुत्री की डिलवरी के लिए आई थी। यहां उनसे नर्स ने 1200 रूपए लिए। उन्होनें उस नर्स से पूछा भी कि यह पैसे किस लिए तो नर्स का कहना था कि यह पैसे डिलवरी के बाद लगते है।
मुझसे भी लिए गए पैसे-
– रेशम पति जगदीश मुणिया ने बताया रात में वह यहां उनकी पुत्री संतोश कटारा को पहली डिलवरी के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां उनसे डिलवरी के बाद बच्चा सफाई के लिए 200 और 1500 रूपए किसी डाॅक्टर को देने के लिए ड्यूटी कर रही नर्स ने मांगे तो सुबह उन्होनें यह राशि दी।
हम चुप नही बैठेंगे, सख्त कार्यवाही हो-
– हिंदू युवा जनजाति संगठन के ब्लाक प्रवक्ता पारस भूरिया ने बताया जब अस्पताल में गरीब आदिवासियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं मुफ्त मिलती है तो इस तरह की अवैध वसूली अस्पताल में नर्सो द्वारा क्यो और किसके कहने पर की जा रही है। हम चुप नही बैठेंगे, जिनसे रूपए लिए गए वह मेरे परिवार के है। जल्द ही इस मामले में कार्रवाई अगर नही हुई तो हम धरना-आंदोलन और ज्ञापन के माध्यम से आवाज उठाएंगे।
सफाईकर्मी को किया गया निष्काषित-
– बीएमओ डाॅक्टर एमएल चोपड़ा ने बताया डिलवरी के बाद अवैध वसूली का मामला मेरे समक्ष आया था। सरकारी अस्पताल में सभी सुविधाएं फ्री है। अगर किसी नर्स या स्वीपर ने इस तरह का कृत्य किया है तो वह गलत है। मैंने सफाईकर्मी को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है। वहीं उक्त नर्स के खिलाफ कार्यवाही के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारी को भेज दिया गया हैं।