प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद नहीं रुक रहा पलायन, मतदान बढ़ाने का लक्ष्य कैसे होगा पूरा…?

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भूपेंद्रसिंह नायक, पिटोल
आगामी 28 तारीख को मध्यप्रदेश सहित झाबुआ में भी विधानसभा चुनाव हैं। इस चुनाव में मतदान का प्रतिशत ज्यादा से ज्यादा हो इसके लिए झाबुआ जिले से सरकारी तंत्र के सभी विभाग जी जान से मतदाताओं को जागरूकता लाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। वही उसके उल्टा झाबुआ विधानसभा सहित पूरे झाबुआ जिले के समस्त नगरों में गांव से भारी मात्रा में पलायन हो रहा है जिसके लिए झाबुआ प्रशासन दिखावे के तौर पर तो चिंतित है तो कोई ठोस निर्णय पलायन रोकने के लिए नहीं कर पा रहा है। इसके चलते पिटोल से राजकोट जामनगर, चोटीला, गोंडल, अहमदाबाद, बड़ौदा आदि गुजरात के महानगरों में भारी संख्या में पलायन हो रहा है इसे रोकने के झाबुआ जिला प्रशासन के लिए को एक प्रकार की चुनौती है।
झाबुआ आरटीओ अधिकारी एवं पिटोल चेक पोस्ट के

आरटीओ अधिकारी की की अनदेखी से हो रहा पलाय

2 नवंबर को झाबुआ आरटीओ साहब राजेश गुप्ता द्वारा आरटीओ ऑफिस पर समस्त बस ऑपरेटर, प्राइवेट बसें जो गुजरात की है अधिकतर रात्रि के समय संपूर्ण झाबुआ जिले से अपनी बसों को संचालित कर भेड़-बकरी की तरह भरकर गुजरात ले जाती है उन्हें भी सख्त लहजे में समझाया था कि आप 28 तारीख तक अपनी बसें बंद कर दो कुछ ऑपरेटरों ने अपनी बसें बंद की और कुछ अभी भी पिटोल के आसपास से भर कर चला रहे हैं। यह सब देखना आरटीओ राजेश गुप्ता एवं पिटोल चेक पोस्ट के आरटीओ अधिकारी का काम है परंतु दोनों अधिकारी की अनदेखी से भारी संख्या में पलायन हो रहा है। प्रतिदिन सुबह 5 बजे से 9 बजे तक से गुजरात से पिटोल चेक पोस्ट से गुजरती है तथा झाबुआ, धार, मनावर तक सवारियां भरकर जाती है और रात्रि को वापस सवारियां भरकर रिटर्न हो जाती है । इसका मुख्य कारण है अधिकारियों की अच्छी खासी एंट्री के रूप में वसूली होती है और पिटोल से गुजरात राज्य परिवहन निगम की बसों में भी भारी मात्रा में पलायन हो रहा है। ऐसे में प्रशासन द्वारा जगह जगह पर पलायन रोकने के लिए टेंट लगाकर मतदाता जागरूकता हब बनाया जिसमें क्षेत्र से पलायन करने वाले लोगों को वहां के पंचायत सचिव द्वारा पलायन पर जाने वाले लोगों का नाम-फोननंबर और जिस ठेकेदार के यहां काम पर जा रहे हैं उनका नाम नंबर लेकर पीले चावल देकर वापस 26 तारीख को मतदान करने हेतु अपील कर रहे हैं। अब उनकी यह अपील 28 नवंबर को कारगर साबित होती है या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा।

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