पूरे देश में रामोत्सव का वातावरण चल रहा है: रतलाम सह विभाग कार्यवाह श्री आकाश चौहान

महाविद्यालयीन विद्यार्थी इकाई पथ संचलन: संगठन गढ़े चलो... सुपथ पर बढ़े चलो...भला हो जिसमें देश का, वो काम सब किए चलो॥

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पेटलावद। संगठन गढ़े चलो.., सुपथ पर बढ़े चलो, भला हो जो देश का वो काम किए चलो… गीतों के साथ शुक्रवार को तहसील परिसर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का महाविद्यालयीन विद्यार्थी इकाई पेटलावद नगर पथ संचलन शुरू हुआ। पथ संचलन ने अनुशासन की सीख के साथ सामाजिक समरसता का संदेश भी दिया। पथ संचलन में कदमताल करते हुए युवा स्वयंसेवक शहर की सड़कों पर अनुशासन का पाठ देते हुए निकले। इसमें बड़ी संख्या में स्वयंसेवक कदम ताल करते हुए 1 घंटे में 5 किमी का रास्ता तय कर भारत माता की जय के घोष से निकले। चार पंक्ति में स्वयंसेवक केसरिया ध्वज थामे चल रहे थे। इससे पूर्व बौद्धिक हुआ। पथ संचलन को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इतंजाम रखे थे समूचे मार्ग पर स्थानीय पुलिस जवानों को तैनात किया गया। जहां जहां से स्वयंसेवक गुजरे तो सड़क गुलाब की पंखुड़ियों से पट गई। पथ संचलन की अगवानी कर रहे दल द्वारा संगठन गढ़े चलो.. गीत के साथ ही अन्य देशभक्ति गीतों का गायन किया जा रहा था। मध्य में केसरिया ध्वज और संघ का घोष दल शामिल था।

पूरे देश में रामोत्सव का वातावरण चल रहा है:

पथ संचलन के पूर्व बौद्धिक कार्यक्रम हुआ। जिसमें मंचासिन कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री राजेश जी पालीवाल शारदा विद्या मंदिर विद्यालय व कल्पतरु अकादमी के संचालक, अशासकीय विद्यालय संघ के जिलाध्यक्ष कार्यक्रम के वक्ता रतलाम विभाग के सह विभाग कार्यवाह श्री आकाश जी चौहान थे।

सह विभाग कार्यवाह श्री चौहान ने बौद्धिक देते हुए कहा पूरे देश में रामोत्सव का वातावरण चल रहा है। ये राम मंदिर नहीं बन रहा है, राष्ट्र मंदिर बन रहा है। वहां भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश तेजी से दुनिया में आगे बढ़ेगा। ये हमारा विश्वास है। पूरा देश पुलकित है। 500 वर्षों के संघर्ष के बाद आज हम भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को देख पा रहे हैं। हम सभी सौभाग्यशाली हैं।पूरा देश राममय हो गया है।

युवा देश की दिशा और दशा दोनों बदल सकते हैं:

युवाओं को प्रेरणा देते हुए श्री चौहान ने कहा युवा देश की दिशा और दशा दोनों बदल सकते हैं। संघ 1925 से अनवरत कार्य करता चला आ रहा है। संघ के स्वयंसेवकों ने कभी हार नहीं मानी। अपने कर्तव्य पर हमेशा तत्पर रहते हैं। पथ संचलन हमें अनुशासन मैं रहने के लिए प्रेरित करता है। यह वंदन की धरती है, यह अभिनंदन की धरती है।

उन्होंने आगे कहा सबसे बड़ा बिंदु केवल हिंदू। भारत को हजार वर्षों के संघर्ष के बाद स्वाधीनता मिली है। इस स्वतंत्रता का उद्देश्य चिर-पुरातन राष्ट्र को पुन: वैभवशाली बनाना है। पूरे भारतवर्ष को एक समाज के रूप में प्रतिष्ठित करना संघ की सोच है। संघ इसी के लिए नित्य साधना कर रहा है। हमने किसी को विरोधी नहीं माना बल्कि समाज को जोड़ने का काम किया। पिछले कुछ सालों में भारत की पहचान बदली है। रक्षा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। धीरे-धीरे भारत की पहचान शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक समाज, राष्ट्र और जन समूह को अपना इतिहास ठीक प्रकार से समझना चाहिए।

संघ की स्थापना राष्ट्रभक्ति के ध्येय को लेकर हुई:

श्री चौहान के कहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने इतिहास की गलतियां दोबारा न हों, इसके लिए संघ की स्थापना की थी। संघ की स्थापना राष्ट्रभक्ति के ध्येय को लेकर हुई थी डॉक्टर हेडगेवार के मार्गदर्शन में यह संघ आज सारे देश में मजबूती के साथ अपनी सनातन संस्कृति एवं हिंदू धर्म को लेकर चल रहा है। हम सबको इसी परंपरा को आगे बनाए रखना है और जो निर्देश और कर्तव्य हमें सौंपे गए हैं उसका पूरी सजगता के साथ हमें पालन करना है। रोटी, कपड़ा और मकान की चिंता के साथ साथ धर्म को भी मजबूत कीजिए क्योंकि जहाँ धर्म कमजोर होता है, वहाँ रोटी छीन ली जाती है, कपड़े उतार लिये जाते हैं और मकान जला दिये जाते हैं।

यहां से गुजरा पथ संचलन:

बौद्धिक के बाद तहसील कार्यालय परिसर से पथ संचलन की शुरुआत हुई। संचलन पुराना बस स्टेंड, सीटी केमिस्ट, महाकाल पथ , सिर्वी मोहल्ला, होली चौक, चमठा चौक, काजीपुरा, अंबिका चौक, गणपति चौक, झंडा बाजार, अग्रवाल गली, सुभाष मार्ग, राजापुरा, गोर घाटी, पीपाड़ा गली, कुम्हार मोहल्ला, भगतसिंह मार्ग से गांधी चौक होते हुए पुनः तहसील कार्यालय परिसर पहुंचकर समाप्त हुआ। पथ संचलन का जगह जगह पुष्पवर्षा कर लोगो ने स्वागत भी किया।

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