कावड़ यात्रा का जगह-जगह किया स्वागत, धर्म सभा के साथ किया समापन

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भूपेंद्र नायक, पिटोल

सावन माह के पवित्र माह में मंदिरों भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना के साथ  धार्मिक आयोजनों का किए  जाते है और कावड़ यात्रा का आयोजन किया जाता है। भगवान भोलेनाथ के भक्ति अपनी श्रद्धा अनुसार अलग-अलग जगह से जल भरकर अपने गांव के शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। 

पिटोल में भी प्रतिवर्ष कावड़ यात्रा का आयोजन किया जाता है जिसमें  देवझरी तीर्थ स्थल से तथा टिटकी माता मंदिर से जल भरकर कावड़ीये अपने गांव में जलाभिषेक करते हैं। इस वर्ष भी शिवगंगा द्वारा कावड़ यात्रा आयोजित की गई जो कि पिटोल से 8 किलोमीटर दूर मोद एवं अनास नदी के संगम तट पर पहाड़ी पर बसे गांव टिटकी खेड़ा के टिटकी माता मंदिर से नदी के संगम से जल भरकर दोपहर 12 बजे पिटोल के लिए भगवान के जय घोष के साथ कावड़ यात्रा रवाना हुई। इस कावड़ यात्रा में पिटोल क्षेत्र के नौ गांव के कावड़ यात्री शामिल हुए। गांव कालिया बड़ा कालिया छोटा बावड़ी बड़ी बावड़ी छोटी कोयाघरिया  छाल किया भाजी डूंगरा भीमफलिया के कावड़ यात्रियों के साथ मातृशक्ति भी शामिल हुई। बालिकाओं द्वारा सर पर कलश रखकर इस धार्मिक यात्रा का संपन्न की। 

इस कावड़ यात्रा में 600 कावड़ यात्रियों ने सहभागिता की,  पिटोल में इन कांवड़ियों का जगह-जगह फूलो से स्वागत किया गया। इसके पश्चात खेल मैदान में एक धर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमें सभी वक्ताओं द्वारा इस आयोजन को लेकर धार्मिक मान्यता के बारे में तथा जल जंगल जमीन मेरा गांव मेरा तीर्थ एवं गांव जाकर शंकर जटा बनाकर भगवान की पूजा अर्चना कर आध्यात्मिक के मार्ग पर चलकर समाज सुधार के संदेश दिया इसके पश्चात पिटोल  नगर के सभी समाज जनों के सहयोग से सभी कावड़ियों के लिए फलाहार के साथ स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई थी।

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