भगवान की भक्ति करने से ही कलियुग में जीवन का उद्धार होगा : संत गंगूरामजी महाराज

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भूपेंद्र नायक, पिटोल

दीपावली के बाद आदिवासी अंचलों में भगत समाज द्वारा गांव-गांव में धार्मिक आयोजन किए जाते हैं इन आयोजनों मे आदिवासी समाज के संत शिरोमणि गंगूरामजी महाराज देहदा गुजरात के श्री मुख से  सत्संग होता है। इसी कड़ी में प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी पिटोल से 2 किलोमीटर दूर ग्राम बावड़ी छोटी के बेणेश्वर शिव मंदिर पर सत्संग एवं  भंडारे का आयोजन किया गया।

इस सत्संग में पिटोल एवं आसपास के 10 गांव के  आदिवासी भगत समाज के साथ सभी सभी समाज के लोगों ने सत्संग का लाभ लिया। संत श्री गंगू राम महाराज ने भगवान की भक्ति के महत्व को बताते हुए कहा कि घोर कलयुग के दौर में अगर इंसान आध्यात्म की ओर जाकर भगवान की भक्ति करेगा भक्ति से उसके जीवन का उद्धार होगा उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति करने के लिए इंसान को शराब मांस आदि दूर व्यसन चीजों का त्याग कर अपने संपूर्ण परिवार को रोजाना मंदिर दर्शन कर संस्कार के साथ भगवान का नाम जाप करना चाहिए। हमारे शरीर के रोम रोम में भगवान राम बसे हैं आदिवासी समाज में जिस प्रकार भगवान राम ने शबरी माता का उद्धार किया था वैसे हम भी राम नाम जब करेंगे भगवान की भक्ति करेंगे तो हमारे जीवन का कल्याण होगा। वर्तमान परिस्थितियों में इंसान क्रोध करके हमारे अपनों का अनिष्ट करता है इस अनिष्ट को रोकने के लिए हम चाहे किसी भी देवी देवता चाहे शिव हो राधा कृष्ण हो ब्रह्मा विष्णु अपने आराध्य को मानकर उनके नाम जब करेंगे तो हमारे जीवन में बदलाव आएगा और हमें एक दूसरे का जय सियाराम के साथ सम्मान करते हुए मानव जीवन जीने के लिए सनातन हिंदू संस्कृति के साथ  संपूर्ण विश्व का कल्याण करने के लिए सनातन संस्कृति है आज पूरे विश्व में के लोग भारत की आध्यात्मिक संस्कृति अपना कर सनातन संस्कृति के अनुसार जीवन यापन कर रहे हैं। इंसान जब किसी जीव पर करुणा  करता है तो भगवान भी उस इंसान पर अपनी दया के भाव दिखाते हुए करुणा करता है हमने जीवन में अच्छा बुरा किया उसका फल हमें इसी जीवन में भोगना पड़ता है संत शिरो मणि के सत्संग के बाद ग्राम छोटी बावड़ी के भगत समाज लोगों द्वारा  भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें माता और बहनों भक्तों द्वारा प्रसादी ग्रहण कर धर्म लाभ लिया।

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