समस्याओं को लेकर स्कूली विद्यार्थियों ने किया प्रदर्शन, स्कूल के गेट पर लगाया ताला

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भूपेंद्र नायक, पिटोल

आज पिटोल में दोपहर 12 बजे हायर सेकेंडरी एवं मिडिल स्कूल के छात्रों द्वारा स्कूल में होने वाली समस्याओं को लेकर स्कूल के गेट पर ताला लगाकर धरना आंदोलन किया। विद्यार्थियों ने चेतावनी दी कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी तक तक स्कूल के गेट पर ताला लगा रहेगा। 

यह आंदोलन छात्रों के संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले एवं उनके मार्गदर्शन में किया गया। छात्रों की मांग थी कि यहां 35 वर्षों से अधिक समय से पुराना जर्जर भवन में क्लास नहीं लगाई जाए छात्रों को अन्य जगह शिफ्ट कर अध्यापन कार्य कराया जाए इसके बाद कई छात्रों को विगत 3 वर्षों से छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है। छात्रों को अति शीघ्र छात्रवृत्ति प्रदान की जाए जहां भी स्कूल अन्यत्र शिफ्ट की जाए वहां लाइट पंखे पानी की सुविधा है उन्हें भी जाए स्कूल के प्रिंसिपल रामचंद्र मालवीय द्वारा स्कूली छात्रों के साथ तानाशाही का रवैया अपनाया जा रहा है। वही रसायन शास्त्र की अध्यापिका श्रीमती अनामिका मेडा  द्वारा स्कूल के बच्चों को गाली गलौज एवं छात्रों के साथ अभद्र भाषा का व्यवहार किया जाता है। प्रिंसिपल द्वारा भी यही रवैया अपनाया जा रहा है जिसका सभी छात्रों ने एक स्वर में विरोध किया एवं दोनों को यहां से तत्काल हटाने की मांग की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांतीय सदस्य वैभव जैन एवं शाकिब खान द्वारा छात्रों की समस्याओं को लेकर यह चेतावनी दी गई है कि अगर छात्रों की समस्या का समाधान 5 दिन के अंदर नहीं होगा तो वह हाईवे पर चक्का जाम करेंगे एवं जन आंदोलन पर प्रशासन को कुंभकरण की नींद से जगा जगायेंगे।

पिटोल की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है

पिटोल के कई पूर्व छात्रों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में पिटोल का नाम देश प्रदेश तक ऊंचा किया है परंतु कुछ वर्षों से पिटोल की शैक्षणिक व्यवस्था चरमरा गई है क्योंकि सभी संकायो के अध्यापक नहीं है तो कहीं अतिथि शिक्षकों के भरोसे करीब 1100 बच्चों का भविष्य अंधकार में हो रहा है। अभी शुबह एवं दोपहर के दो शिफ्ट में पढ़ाई कर रहे हैं बच्चे वही प्रिंसिपल केवल  सप्ताह में एक दिन आते हैं और हाजिरी में रजिस्टर साइन कर कर चले जाते हैं अपनी अपनी कर्तव्य हीनता से देश के नौनिहालों का भविष्य खराब कर रहे हैं।

काफी वर्षों पुराना है यह जर्जर भवन

विगत 35 वर्षों के आसपास से यह भवन बना हुआ है और अभी भवन जर्जर अवस्था में पहुंच गया है कब गिर जाए जमींदोज हो जाए कोई भरोसा नहीं। परंतु आज शिक्षक और बच्चे इस जर्जर भवन में बैठने को मजबूर हैं। शिक्षक और बच्चे दोनों ही कह रहे हैं कि हमारी जान को खतरा है शासन  को भी कई वर्षों से अवगत कराया परंतु कोई ध्यान नहीं दे रहा है। कुछ दिनों पूर्व वर्तमान कलेक्टर साहब ने स्कूल का निरीक्षण किया था और आश्वासन दिया था परंतु अभी तक शिक्षा विभाग की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। 

छात्रों ने दिया ज्ञापन

दोपहर 12बजे से शाम 4 बजे तक छात्रों ने आंदोलन किया और प्रिंसिपल रामचंद्र मालवीय को बुलाने की मांग कर रहे थे। परंतु प्रिंसिपल मालवीय द्वारा टेलीफोन पर छात्रों द्वारा अभद्र व्यवहार करने के कारण झाबुआ से शिक्षा विभाग के अधिकारी जयेंद्र वैरागी एवं मेघनगर के सीईओ हितेश सोलंकी पिटोल हाई सेकेंडरी पर पहुंचे एवं छात्रों की समस्याओं को सुना और प्रिंसिपल एवं अनामिका मेडा की रिपोर्ट तैयार कर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को देखकर कार्यवाही का आश्वासन देने के बाद छात्रों ने अपना आंदोलन समाप्त किया! 

जिम्मेदार बोले-छात्रों ने अपनी समस्याओं की मांग रखी है इसी सप्ताह इस भवन को जमींदोज करने की कार्यवाही का ऊपर से आश्वासन मिला है। नए भवन के टेंडर हो गए हैं जब तक भवन नहीं बन जाता बच्चों को अन्यत्र सरकारी भवनों में पढ़ाई के लिए व्यवस्था करेंगे।

जयेंद्र बैरागी शिक्षा अधिकारी झाबुआ

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