विद्युत विभाग की लापरवाही से दो दिनों से अंधेरे में रहने को मजबूर है पिटोल के रहवासी

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भूपेंद्र नायक, पिटोल

पिछले 24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी विरोध गांव की विद्युत सप्लाई चालू नहीं हुई है। आम जनता बहुत परेशान हैं परंतु जवाबदार विभाग और अधिकारी लापरवाही कारण आए दिन गांव में फाल्ट होते हैं और विद्युत सप्लाई बाधित कर देते हैं। जिसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है। भारी भरकम बिलों की वसूली होती है परंतु समुचित विद्युत विभाग सेवाएं नहीं दे रहा है।

चार दिन पूर्व लगी थी बस स्टैंड वाली डीपी में आग , तब बदल देते तो नहीं होता डीपी में ब्लास्ट

विद्युत विभाग का आलम यह है कि आए दिन ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत सप्लाई को बाधित कर दिया जाता है। दूरस्थ ग्रामीण आदिवासी अंचलों में आदिवासी लोग विद्युत सप्लाई का हमेशा से मोहताज होते रहते हैं कब कौन से गांव की लाइट बिना कोई ठोस कारण के काट दे वहां के लोग लाइनमैन को फोन लगाते हैं लाइनमैन फोन स्विच ऑफ कर देते हैं परंतु चार दिन पूर्व पिटोल के बस स्टैंड वाली डीपी ट्रांसफार्मर में सुबह नो बजे आग लगी थी, तब भी लाइन मेन को गांव के प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा कहा गया था कि बस स्टैंड वाली डीपी आए दिन भडाका का और आग लगती रहती है परंतु किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया जैसे-तैसे वापस तार जोड़ कर सप्लाई चालू कर दिए गई जिसका नतीजा यह हुआ कि कल सुबह नो बजे बस स्टैंड वाली डीपी ट्रांसफार्मर में भड़ाका हुआ और लाइट सप्लाई बंद हो गई ?

पिटोल गांव में कभी भी हो सकती है बड़ी जनहानि

पिटोल गांव में बस स्टैंड पर लगे ट्रांसफार्मर मंडली रोड का ट्रांसफार्मर तथा पशु चिकित्सालय के सामने वाला ट्रांसफार्मर माल टोडी मोहल्ले का ट्रांसफार्मर में आए दिन फाल्ट होना आम हो गया है। वही बस स्टैंड एवं पशु चिकित्सालय  के सामने वाले ट्रांसफार्मर में आग आग लगना आम हो गया है। सभी ट्रांसफार्मर पुराने हो गए हैं वहीं  आईल टपकने से वहां लगे विद्युत के तारों में चिंगारी उठती है ओर ट्रांसफार्मर में आग लग जाती हे और पूरे पिटोल  में जगह-जगह तार झूल रहे हैं। करीब 20 वर्ष पूर्व विद्युत विभाग के एक अधिकारी  द्वारा सभी जगहों के तारों को  बास् पट्टियों  के सहारे एक दूसरे से टकराई नहीं बांदा गया था परंतु अभी भी पूरे गांव में जगह-जगह तार झूल रहे हैं कहीं स्थिति से ऐसी हो गई है कि शरीर से हाथ ऊपर करने पर तार की लंबाई को पकड़ा जा सकता है। बस स्टैंड सदर बाजार माल टोडी सलारेस्वर मंदिर के पास के विद्युत सप्लाई रहती है तब भी तार टूट कर जमीन पर गिर जाते हैं जिस कारण कभी भी जनहानि का हो सकती है सन 1970 से 80 के दशक के लगे सीमेंट के पोल एवं उतना ही पुराना  तार अभी जर्जर  अवस्था में पहुंच गए हैं। तेज आंधी हवा में खंबे भी झुक जाते हैं इस वजह से डर बना होता है और कहीं भी जन हानि हो सकती है जब भी तार टूटते हैं उन्हें दूसरे तार से जॉइंट मार कर वापस जोड़ देते हैं और वही तार थोड़े दिनों में दूसरी जगह से टूट कर जमीन पर गिर जाते हैं यही हाल सभी ट्रांसफॉर्मर का है ट्रांसफार्मर से   करंट ना फैलें इसलिए डीपी में प्लास्टिक के जूते एवं प्लास्टिक की बोतल फंसा कर अन्यत्र करंट ना उतरे इसलिए लगा रखे हैं। बस स्टैंड पर जहां ट्रांसफार्मर लगा है वहां दुकाने लगती है साथ में पूरे दिन भर बस स्टैंड पर जीब बस यात्रियों का आना जाना लगा रहता है समय रहते व्यवस्था दुरुस्त नहीं की तो विद्युत विभाग की वजह से हो सकती है कभी भी जन हानि ?

पिटोल गांव में नहीं रहता लाइनमैन रात को

कुछ वर्षों पूर्व विभाग द्वारा यह व्यवस्था रहती थी कि आबादी वाले क्षेत्र में रात्रि को एक लाइन में का ठहरना अनिवार्य होता था परंतु हाल ही में जब से संविदा लाइन मेंनो की भर्ती हुई है तब से  पिटोल विद्युत ग्रिड पर एक विद्युत ऑपरेटर  रहता है। परंतु लाइनमैन नहीं रहते पिटोल ग्रिड से 32 गांव को जोड़ रखा है जिसमें  एक लाइन  मैन संविदा भर्ती वाला तथा उसके साथ पांच सहयोगी (लेबर )लाइन मेंन   हे परंतु यह लाइन मेघनगर से पिटोल इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट बार्डर तक 33kv की आ रही है जब पिटोल में 33 केवी का विद्युत सप्लाई का ग्रिड बनाया गया था तब पिटोल वासियों को बड़ी उम्मीद थी कि अब लाइट की समस्याओं से निजात मिल जाएगी व्यापारियों की आटा चक्की एवं समस्त विद्युत उपकरण से व्यवसाय करने वाले लोग ठीक मान रहे थे। परंतु आए दिन मेघनगर से पिटोल के बीच 33 केवी विद्युत विभाग की लाइन का फाल्ट होना जैसे थोड़ी सी तेज आंधी बारिश में फाल्ट हो जाना विभाग द्वारा उसका मेंटेनेंस नहीं किया जाना पिटोल जैसे आबादी क्षेत्र के लिए निवासियों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है छोटे पिटोल गांव में और अव्यवस्था होना आम हो गया है। रात को जब तारों के टकराने या ट्रांसफर में आग लगने से लाइट फाल्ट होती है तो लाइनमैन को फोन लगाकर सप्लाई बंद करवाई जाती है परंतु पिटोल में लाइनमैन का हेड क्वार्टर नहीं होने से जब तक विद्युत सप्लाई चालू करने के लिए झाबुआ से लाइनमैन एवं अन्य कर्मचारी नहीं आ जाते तब तक पिटोल वासी अंधेरे में रहने को मजबूर होते हैं अब सवाल यह उठता है कि 32 गांव की सप्लाई संभालना के लिए एक लाइनमैन के भरोसे विभाग अपना तंत्र चला रहा है?

जवाबदार बोले

ट्रांसफार्मर में खराबी आई थी जिससे अपने स्तर पर सुधारने का प्रयास किया गया था।  आज रिपेयरिंग यूनिट को भेजा जा रहा है। रिपेयरिंग नहीं होगा तो  धार से  दूसरा मंगाया जाएगा।

पंकज डांगी, जे ई विद्युत विभाग

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