3 करोड़ 84 लाख के नवनिर्मित स्कूल भवन में लोकार्पण से पहले ही आ गई दरार, घटिया स्तर की टाइल्स से कर रहे हैं फ्लोरिंग, लगाते ही टूट रही है टाइल्स

भूपेंद्र नायक, पिटोल

पिटोल मे वर्षों से हायर सेकेंडरी स्कूल के भवन की जर्जर जर्जर अवस्था में हो गया था जिसे जनप्रतिनिधियों मीडिया के माध्यम में एवं बालकों के पालको द्वारा आंदोलन एवं बार-बार नेताओं एवं प्रशासन से मांग माध्यम से प्रशासन को जगाने के बाद नवीन भवन स्वीकृत होकर निर्माण के अंतिम दौर में है परंतु अभी इस नवनिर्मित स्कूल भवन को ठेकेदार द्वारा और प्रशासन शिक्षा विभाग को हस्तांतरण भी नहीं हुआ और नवनिर्मित भवन की दीवारों पर अभी से दरार पडना शुरू हो गई है नवीन भवन की उम्र क्या होगी यह भी एक प्रश्न चिन्ह है।


स्कूल प्रांगण की सतह पर लगने वाली टाइल्स लगते ही टूट रही है
पिटोल स्कूल प्रांगण में लग रही टाइल्स इतनी घटिया स्तर की है कि अभी लगाते ही जगह-जगह से टूट रही है और जो ठेकेदार के कारीगर लगा रहे हैं वह इनमें इतनी दरार रख रहे हैं कि भविष्य में यह थोड़े से वजन और चहल-पहल से ही टूट जाएगी इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पूरे भवन निर्माण में कितना घटिया स्तर का निर्माण हुआ होगा दीवाल निर्माण में जुड़ाई के वक्त लगाई गई सीमेंट की ईटों की गुणवत्ता भी खराब है और सीमेंट की ईटों को बिना पानी में डुबोकर दीवाल पर जुड़ाई कर दी गईऔर दीवारों पर पानी की तरी भी नहीं की गई क्योंकि ठेकेदार द्वारा मनमर्जी से काम किया गया जब स्कूल का शुरुआती दौर में पेटा कांटेक्टऱ ठेकेदार के लोगों द्वारा सीमेंट सरिया को चोरी कर गाड़ी भरकर ले जा रहे थे तब भी ग्रामीणों ने ही उसे रोक-टोक कर रोका था इससे लगता है कि पेटा ठेकेदार के लोगों द्वारा किस प्रकार स्कूल के अंदर लगने वाले माल सामान की चोरी कर भ्रष्टाचार किया होगा इस स्कूल भवन के निर्माण में किस गुणवत्ता के साथ निर्माण किया होगा!

पिटोल के जागरूक युवाओं और मीडिया कार्य की गुणवत्ता पर उठाए सवाल

गतरात्रि एवं आज सुबह स्कूल प्रांगण में फ्लोरिंग कर रहे कारीगरों द्वारा लगाई जा रही टाइल्स से जगह-जगह पर टूट रही थी है तब युवाओं द्वारा मीडिया को सूचित कर दिखाया कि पूरे प्रांगण की टाइल्स से पूरी लगी भी नहीं और टूट रही है ठेकेदार को फोन लगाकर इस स्तरीन काम के बारे में अवगत कराया गया पर परंतु ठेकेदार द्वारा सही तरीके से जवाब नहीं दिया गया इससे लगता है कि प्रशासन द्वारा निर्माण एजेंसी के अंतर्गत देखरेख करने वाले एवं ठेकेदार द्वारा किस प्रकार भ्रष्टाचार करके करोड़ों रुपए की लागत का भवन का घटिया निर्माण हुआ है
पिटोल के सैकड़ो नोनिहाल के साथ खिलवाड़
पिटोल हायर सेकेंडरी स्कूल में करीब 500 छात्रों के आसपास अध्यनरत छात्र हैं अभी अलग-अलग जगह पर भवन निर्माण नहीं होने से सरकारी भवनों में जाकर पढ़ाई कर रहे हैं परंतु अभी उन्हें अभी यह लग रहा होगा कि हमें नए भवन में जाकर पढ़ाई करेंगे और हमारा भविष्य सवारेंगे परंतु पिटोल के आसपास के आदिवासी छात्र अपना भविष्य बनाने के लिए इस स्कूल में आते हैं और पढ़ाई कर उच्च शिक्षा के सपने संजोते हैं परंतु ठेकेदार द्वारा इस प्रकार की घटिया भवन निर्माण से थोड़े समय बाद जर्जर होना लाजमी है इस भवन को जुलाई से पहले हस्थानांतरण करने के लिए जल्दी-जल्दी किसी भी प्रकार से इस भवन का काम खत्म कर भवन को शिक्षा विभाग को सौंप दें भले ही उसमें घटिया निर्माण काम किया गया हो क्या इस स्तर के घटिया निर्माण का विभाग द्वारा जांच कराएगी!

लागत और काम पूरा करने की समय सीमा का बोर्ड भी नहीं लगा है
जब भी शासन द्वारा किसी भी गांव या जिले में बड़ा निर्माण कार्य कराया जाता है जैसे रोड निर्माण भवन निर्माण या अन्य लाखों करोड़ों रुपए की लागत से जिस शाशकीय काम का निर्माण होता है निर्माण एजेंसी का नाम उसकी लागत उस कार्य के निर्माण की अवधि का बोर्ड लगाया जाता है परंतु इस भवन के निर्माण में कोई बोर्ड या सूचना पटल नहीं लगाया गया जिससे इस निर्माण में मिली भगत भ्रष्टाचार किया गया यही लगता है!

जिम्मेदार बोले

अभी मैं इंदौर हूं आपके माध्यम से मुझे अवगत कराया गया है कि नवीन स्कूल भवन में घटिया निर्माण कार्य चल रहा है अभी रुकवा दिया गया है मैं आकर देखता हूं और आगे की कार्रवाई करेंगे!

मनोहर वसुनिया, सहायक यंत्री भवन लोक निर्माण विभाग झाबुआ

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