भूपेंद्र नायक, पिटोल
परतंत्र भारत में हम आजादी के लिए संघर्ष कर रहे थे तब से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में नागपुर में महाराष्ट्र में प्रथम सरसंघचालक डॉ. बलिराम हेडगेवार ने आजादी की लड़ाई लड़ते समय की थी। आज लगभग 100 वर्ष पूर्ण होने के को हैं ऐसे में देश संघ की देश में संघ की एक लाख शाखाएं एवं विदेशों में भी शाखाएं कार्य कर रही है। विदेशों में भी पूर्णकालिक प्रचारक बनकर आ रहे हैं संघ का उद्देश्य संगठित हिंदू समाज का निर्माण करना तो ऐसे लोगों को समाज में स्थापित करना जो देश के लिए जीने का कार्य करें देश कई बार गुलाम हुआ और गुलाम होने की जड़ विकृत मानसिकता की वजह से बिखरता हुआ और जातियों में बंटा हुआ हिंदू समाज है कहा जाता है कि हिंदू चार हिंदू एक साथ नहीं चल सकते। पांचवां तभी जुड़ता है जब उसकी मृत्यु होती है अर्थात उसका अर्थी को कंधा देना पड़ता है।
यह बात संघ के बौद्धिक कार्यक्रम में दिनेश इटावदिया दायित्व मुख्य मार्ग ग्राम कार्य जिला संयोजक पिटोल में नगर के पथ संचलन के प्रारंभ से पूर्व खेल मैदान में स्वयंसेवक को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान संघ के संचालक डॉ. जगदीश विजय सिंह खतेड़िया अतिथि के रूप में थे। बौद्धिक के पूर्व एकल गीत अमृत वचन संघ के ध्वज के साथ संघ की प्रार्थना के साथ पथ संचलन प्रारंभ हुआ। यह पथ संचलन स्थानीय खेल मैदान से शुरू होता हुआ नगर के प्रमुख मार्गो से निकला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन शाम पांच बजे गुरुवार को निकाला के संघ के पथ संचलन में मैं दो सो स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने शामिल होकर स्वयंसेवक देशभक्ति के गीत गाते हुए कदमताल करते हुए चल रहे थे। सबसे आगे घोष वाहिनी चल रही थी उसमें कुछ लोग हाथ में भगवा ध्वज लिए चल रहे थे।
