भूपेंद्र नायक, पिटोल
राधा कृष्ण मंदिर ग्राम पिटोल में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी भागवत कथा का आयोजन किया गया। राधा कृष्ण मंदिर में 1 सितंबर से 7 सितंबर तक गौ संत श्री रघुविर दास जी महाराज तलवाडा राजस्थान के मुखारविंद से भागवत कथा अमृत का रसास्वादन श्रोतागण ले रहे थे। कथावाचक ने सात दिनों तक विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। राधा अष्टमी का व्रत रखने को महत्व भी उन्होंने बताया। सत्संग शब्द की व्याख्या करते हुए महाराज श्री ने बताया कि संसार को छोड़कर भगवान में मन लगाना ही सत्संग है तथा सत्संग में विवेक होना जरूरी है। प्रणाम का अर्थ है कि मैं आपकी शरण में हूं तथा एक छोटा सा प्रणाम अनेको समस्याओं से मुक्त कर सकता है ,अर्थ व अनर्थ की व्याख्या करते हुए बताया कि जो पैसा आपके घर में सुख ना दे सके वह अर्थ नहीं बल्कि अनर्थ है यदि भगवान की कथा मन में बसी रहेगी तो कभी भी अमंगल नहीं होगा। महाराज जी ने कहा कि महात्मा लोग कभी सोते नहीं है वह तो समाधि अवस्था में लीला करते हैं। विभिन्न अवतारों की कथा के अंतर्गत कपिल अवतार, श्री हरि अवतार, ध्रुव चरित्र, पृथु अवतार ,ऋषभदेव अवतार, जड़-भड़त चरित्र, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, श्री राम अवतार ,परशुराम अवतार, के पश्चात श्री कृष्ण जन्म उत्सव बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ माखन मिश्री का प्रसाद वितरित किया गया । महिलाओं ने गरबा नृत्य का आनंद लिया।
