बाबूलाल हाड़ा के निधन से शोक की लहर, मरणोपरांत नेत्रदान किए, शुक्रवार सुबह गृहग्राम में होगा अंतिम संस्कार

May

भूपेंद्र नायक, पिटोल

गुरुवार को बाबूलाल हाड़ा का निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को उनके उनके गांव घोसलिया रंभापुर में सुबह 9 बजे किया जाएगा। निधन से क्षेत्रभर में शोक की लहर है। हर कोई अपने-अपने तरीके से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। उन्होंने जीते जी नेत्रदान की घोषणा की थी। जिला अस्पताल झाबुआ में नेत्र दान प्रक्रिया पूर्ण हुई। देह दान भी किया था किंतु अफसोस की दुर्घटना में शरीर अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो चुका था। उन्होंने अपनी सारी पेन्शन भी दान कर रखी ाी। 

वे विश्व कल्याण एवं सर्व समाज के उत्थान के साथ हिंदू समाज के प्रखर वक्ता एवं समाजसेवी के रूप में पहचाने जाते थे। एक योद्धा, एक सिपाही, एक सलाहकार, एक किसान, एक उद्यमी, एक श्रमिक,एक समाजसेवी, एक स्वदेशी के पुंज, एक महामानव, अनंत की छांव में केसरियामय होकर केसरिया शरण हो गए। 45 डिग्री तापमान में जब स्वयं सेवक संघ की तपस्या करता है तो समाज जीवन के लिये ऊर्वरक- उपजाऊ बनकर निकलता है। आज विधाता के लेख को एक बार फिर कोई मिटा न सका। जब पुत्र बलवंत हांडा सह व्यवस्था प्रमुख मालवा प्रांत संघ के वर्ग में तपस्वियों की भांति अगली पीढ़ी के पथ प्रदर्शक बने हैं भोपाल में, दादा स्वयं भी प्रथम वर्ष में पालक बनकर गये थे।

ऐसे हिन्दुत्व के पुरूधा, लबाना समाज के नायक, संघ के पूर्व जिला  संघचालक, सरस्वती शिशु मंदिर मेघनगर के व्यवस्थापक, सेवाभारती बड़ा गोलियां प्रकल्प के संरक्षक, ग्राम भारती जिला झाबुआ के क्षत्रप, शासन के सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर जन- जन के प्रिय बाबुसिंह हांडा एक योद्धा, एक सिपाही, एक सलाहकार, एक किसान, एक उद्यमी, एक श्रमिक,एक समाजसेवी,एक स्वदेशी के पुंज, एक महामानव, अनंत की छांव में केसरियामय होकर केसरिया शरण हो गये।