पुलिस का नशामुक्ति अभियान…पिटोल हायर सेकेंडरी स्कूल में हुआ जागरूकता कार्यक्रम

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भूपेंद्र नायक, पिटोल 

मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा चलाए जा रहे 15 दिवसीय “नशे से दूरी, है जरूरी” अभियान के तहत आज झाबुआ जिले केपिटोल नगर की हायर सेकेंडरी स्कूल में एक विशेष जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्ल के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री प्रतिपाल सिंह महोबिया के मार्गदर्शन में यह आयोजन सफल रहा। स्कूल में अध्यनरत सभी बच्चों को सामूहिक शपथ और हस्ताक्षर अभियान करा कर नशें से दूर रहने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम की शुरुआत में उपस्थित अतिथियों, पुलिस अधिकारियों, विद्यालय स्टाफ एवं सभी विद्यार्थियों को नशा से दूर रहने एवं दूसरों को भी इससे दूर रखने की सामूहिक शपथ दिलाई गई। इसके बाद “नशे को कहें ना” शीर्षक से एक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने भाग लेकर अपने संकल्प को हस्ताक्षर के माध्यम से दर्ज किया।आमजन को नशे के गंभीर दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई।

नशे से दूर रहने के लिए निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

हायर सेकेंड्री स्कूल पिटोल के इस कार्यक्रम में नशा मुक्ति पर आधारित निबंध लेखन एवं चित्रकला प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया।इन प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं ने पूरे उत्साह से भाग लिया और नशे से जुड़े सामाजिक मुद्दों को अपनी लेखनी और रंगों के माध्यम से प्रस्तुत किया।

पिटोल चौकी प्रभारी अशोक बघेल द्वारा इस प्रतियोगिता में उपयोग होने वाली सामग्रियों की व्यवस्था पुलिस विभाग द्वारा की गई, जिससे बालक ओर बालिकाओं ने उत्साह पूर्वक प्रतियोगिता पूर्ण की ।

नशे की खिलाफ अतिथियों ने दिए जागरूकता किया

कार्यक्रम अतिथि के रूप में अनीता तोमर (पुलिस विभाग), पिटोल पुलिस चौकी प्रभारी अशोक बघेल, विद्यालय की प्राचार्या इंदिरा गुन्डिया , एवं समाजसेवी पत्रकार ठाकुर निर्भय सिंह व विनय पंचाल उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में अतिथियों ने बताया कि नशा केवल व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज का पतन करता है। अशोक बघेल ने कहा कि अधिकांश अपराधों और सड़क दुर्घटनाओं की जड़ नशा होता है। समस्त अतिथियोग ने विद्यार्थियों को केवल शारीरिक नशे (जैसे शराब, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट आदि) से ही नहीं, बल्कि मानसिक नशे जैसे मोबाइल की लत से भी सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आवश्यकता से अधिक मोबाइल का उपयोग व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे उसे आलसी, चिड़चिड़ा एवं समाज से कटे हुए व्यक्ति में परिवर्तित कर देता है।

 मोबाइल, यदि सीमित और सकारात्मक उपयोग में लाया जाए, तो यह ज्ञानवर्धक उपकरण बन सकता है, लेकिन इसकी लत व्यक्ति को गुमराह करने में देर नहीं लगाती। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे हर प्रकार के नशे से दूरी बनाते हुए स्वस्थ, संयमित एवं प्रेरणादायक जीवन शैली अपनाएँ।

विद्यालय का समस्त स्टाफ और पुलिस विभाग का आपसी सहयोग से यह कार्यक्रम रहा सफल

नशा मुक्ति कार्यक्रम की सफलता के लिए विद्यालय परिवार ने पुलिस विभाग का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने इस आयोजन को न केवल जागरूकता का माध्यम बनाया, बल्कि विद्यार्थियों को आत्मविश्लेषण और विचारमंथन का अवसर भी प्रदान किया। वहीं पुलिस विभाग ने भी विद्यालय की सहयोगात्मक भूमिका और अनुशासित व्यवस्था के लिए धन्यवाद दिया।

अतिथियों ने कहा कि विद्यालय में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल एक औपचारिक आयोजन था, बल्कि एक सशक्त सामाजिक संदेश था – कि यदि आज की पीढ़ी जागरूक हो जाए, तो कल एक स्वस्थ, नशामुक्त और जिम्मेदार समाज का निर्माण निश्चित है।

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