पिटोल की सड़क पर भ्रष्टाचार का ग्रहण, हर साल बारिश में बह जाता है करोड़ों का रोड

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भूपेंद्र नायक, पिटोल 

झाबुआ जिले के पिटोल नगर में बैतूल-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से पुराने आरटीओ ऑफिस तक जाने वाली लगभग 3 किलोमीटर की सड़क, जिसका निर्माण 2020-21 में 365 लाख रुपये की लागत से हुआ था, हर साल बारिश में बह जाती है। स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि यह सड़क लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है, जिसका खामियाजा पिछले चार सालों से आम जनता और राहगीर भुगत रहे हैं।

निर्माण में ही थी गड़बड़ी: बारिश में ही शुरू हुआ था काम

पिटोल के निवासियों का कहना है कि इस सड़क का निर्माण जुलाई-अगस्त 2020 में उस समय शुरू किया गया था जब लगातार बारिश हो रही थी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आम जनता ने ठेकेदार के इस काम का पुरजोर विरोध किया था, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि बारिश में बनी सड़क टिकेगी नहीं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से शिकायतें की गईं और यह मुद्दा समाचार पत्रों व सोशल मीडिया पर भी उठाया गया, लेकिन तत्कालीन अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत के कारण उनकी एक न सुनी गई।

पूर्व विधायक की आपत्तियों को भी किया गया नज़रअंदाज़

झाबुआ विधानसभा के पूर्व विधायक स्वर्गीय शांतिलाल बिलवाल ने इस सड़क को डिवाइडर और सीमेंटेड रोड के रूप में स्वीकृत कराया था। जब सड़क का निर्माण हो रहा था, तब स्वर्गीय बिलवाल ने भी विभाग के सामने निर्माण की गुणवत्ता को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। लेकिन विभाग और ठेकेदार ने उनकी बात भी नहीं सुनी। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब एक जनप्रतिनिधि की नहीं सुनी गई, तो आम जनता की कौन सुनेगा। इसका परिणाम यह है कि यह सड़क आज पिटोलवासियों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।

जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं: आधी-अधूरी बनी नालियां

सड़क निर्माण के समय दोनों ओर नालियां बनाने का प्रावधान था, जिसके लिए दुकानों और घरों के सामने की ज़मीन भी साफ की गई थी। लेकिन ठेकेदार ने केवल एक तरफ ही नाली बनाई, वह भी घटिया किस्म की जो जगह-जगह टूटी हुई है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि सड़क नीचे है और नाली ऊपर बनाई गई है, जिससे बारिश का पानी नाली में जाने के बजाय सड़क पर ही जमा हो जाता है। इसके अलावा, सड़क के नीचे पर्याप्त नालों का निर्माण न होने से भी जलभराव की स्थिति पैदा हो जाती है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी होती है।

5 साल की गारंटी अवधि का वादा भी निकला खोखला

सड़क निर्माण के समय, जब स्थानीय लोगों ने गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए थे, तो ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि सड़क 5 साल की गारंटी अवधि में रहेगी और अगर टूटी या उखड़ी तो इसे फिर से बना दिया जाएगा। हालांकि, आज तक न तो ठेकेदार और न ही विभाग के अधिकारियों ने इस सड़क की सुध ली है। सड़क की हालत दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों का भरोसा विभाग और ठेकेदार पर से उठ गया है।

तहसीलदार सुनील डावर ने किया निरीक्षण, जल्द समाधान का आश्वासन

झाबुआ तहसीलदार सुनील डावर ने इस खराब सड़क का मौके पर निरीक्षण किया है। उन्होंने मीडिया को बताया, “आपने मुझे इस समस्या से अवगत कराया है। मैं कलेक्टर महोदय एवं विभाग के अधिकारियों को इस जन समस्या से अवगत कराऊंगा। शीघ्र समाधान करने की कोशिश करेंगे।”

पिटोल की जनता अब तहसीलदार के आश्वासन पर टकटकी लगाए बैठी है और उम्मीद कर रही है कि इस बार उनकी समस्या का स्थायी समाधान होगा।

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