पर्यावरण दिवस पर निकाली रैली, बनाई मानव श्रृंखला, दिया पर्यावरण सहेजने का संदेश

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5झाबुआ। पर्यावरण दिवस पर नगर में पत्रकार कल्याण परिषद के बैनर तले विश्व पर्यारण दिवस पर अभिनव आयोजिन किया गया। बस स्टैंड स्थित फव्वारा चौक से पर्यावरण का संदेश देती हुई तख्तियां हाथ में लेते हुए बडी संख्या में नागरिक रैली में शामिल हो जो मुख्य मार्गो से होती हुई राजवाडा चौक पर संपन्न हुई। इस दौरान वन विभाग के प्रशिक्षुओं के अलावा नागरिकों ने राजवाडा चौक पर मानव श्रृंखला बना कर पर्यावरण बचाने का संदेश भी दिया। इसके बाद राजवाडा चौक पर पर्यावरण सरंक्षण को लेकर सभा का आयोजन किया गया। जिसमें इतिहासविद केके त्रिवेदी, नीरजसिंह राठौर, यशवंत भंडारी, रमेश डोशी एवं भारती सोनी ने पर्यावरण सहेजने का लेकर प्रभावी सन्देश दिया। यशवंत भंडारी ने ग्लोबल वार्मिग के खतरों से सचेत करते हुए दिनो दिन बढ रहे तापमान से पर्यावचरणीय असन्तुलन के बारे मे कहा कि झाबुआ जिले मे कभी भी 36 डिग्री से अधिक गर्मी नहीं होती थी किन्तु पिछले कुछ बरसों में बढ़कर अब 47 डिग्री तक पहुंच गई है । उन्होने पिछले दिनों बहादुर सागर तालाब किनारे इसी गर्मी की लपट के चलते करी साढ़े 400 चमगादडों की मौत होने को एक भंयकर चेतावनी बताते हुए पर्यावरण सरंक्षण के लिये अभी से जुट जाने का आव्हान किया। प्रो. केके त्रिवेदी ने जिले के परिप्रेक्ष्य में बताया कि महानगरों में जिस तरह सीमेंट कॉन्क्रीट के जंगल हो गए हैं, उसी तरह झाबुआ भी इससे अछूता नहीं है नगर के चारों तरफ की हरी भरी रहने वाली हरी भरी पहाडिय़ा वीरान हो चुकी है। विंध्याचल पर्वतमालाओं की आखरी पहाडिय़ां अब खोदी जाकर वहां भवन बनाये जा रहे हंै। जंगल कट चुके है जिसका प्रभाव मौसम पर यहां भी दिखाई देने लगा है। उन्होंने पर्यावरण दिवस पर शासन प्रशासन को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जा कार्यक्रम सरकार को करना चाहिए वह पत्रकारों को करना पड़ रहा है। प्रशासन की उदासीनता पर कटाक्ष करते हुए उन्होने कहा कि शासन प्रशासन इस तरह पहाडिय़ों के कटने एवं नगर की सुदंरता को ग्रहण लगाने वाले लोगों को क्यों नहीं रोक रही है। एडवोकेट रमेश डोशी ने भी ग्लोबल वार्मिग के खतरों पर बोलते हुए सभी को वृक्ष लगाने एवं पानी बचाने का आव्हान किया। पर्यावरण दिवस पर राजवाडा चैक स्थित छत्री पर नगर के प्रतिभावान कवियों की रचनाओं के फ्लेक्स बोर्ड एव कला एवं कविता की प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें नगर के कवियों ने पर्यावरण सहेजने को लेकर अपनी सुंदर भावनायें व्यक्त की है । सायंकाल राजवाडा चैक पर पर्यावरण विषय पर छोटे छोटे बच्चों ने सांस्कतिक प्रस्तुतिया दी।

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