नन्ने मुन्ने बच्चो ने मिट्टी के गणेश जी की मूर्तियां बनाई

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 बुरहान बंगड़वाला, झाबुआ

अभी तक गणेश स्थापना व नवरात्रि में माताजी की स्थापना हेतु मूर्ति प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनी हुई विराजित की जाती थी। प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां पानी में घुलती नहीं हैं और उनमें प्रयुक्त रंग से तालाब और नदियों का पानी भी प्रदूषित होता है। इन्हीं सब से निजात पाने हेतु अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की झाबुआ इकाई की महिलाओं ने मिट्टी से गणेश जी की मूर्ति बनाने और उसका प्रशिक्षण देने का बीड़ा उठाया। इसकी शुरुवात नन्हे मुन्नों के मूर्ति बनाने के 2 दिनी प्रशिक्षण कार्यक्रम से की गई। इस प्रशिक्षण में करीब 15 बच्चों ने भाग लिया और मूर्तियां बनाकर वे इन्हे अपने घर ले गए, जहां वे इनकी विधि विधान से स्थापना कर 10 दिनों तक पूजा अर्चना करेंगे। इस कार्यक्रम की रूप रेखा बनाने और प्रशिक्षण का कार्यक्रम सम्पन्न करने में समाज की वीना भार्गव, रेखा शर्मा, अंजु शर्मा, सपना भट्ट, शशि त्रिवेदी, सीमा पंड्या, सीमा शर्मा, चंदन बाला शर्मा, रीना शर्मा आदि का सराहनीय योगदान रहा।

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