धूमधाम से मनाई गई तेजाजी दशमी

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राहुल राठौड़,जामली

ग्राम जामली में तेजा दशमी के मौके पर बुधवार को वीर तेजाजी के मंदिरो पर श्रद्धालुओं का तांता लगा व शोभायात्राएं निकाली गई तथा श्रद्धालुओं ने खीर पूरी आदि का भोग चढ़ाकर मन्नतें मांगी। इससे पूर्व संध्या पर रात्रि जागरण के साथ भजनों के कार्यक्रम हुए। गांव के बस स्टैंड के पास स्थित श्री वीर तेजाजी मंदिर पर तेजा दशमी उत्सव पर विशेष रोशनी कर सजाया गया तथा तेजाजी नागजी की भव्य झांकी सजाई गई। इस मौके पर जामली व आसपास के क्षेत्रों से आये श्रद्धालुओं ने तेजाजी मंदिर पर नारियल आदि चढ़ाया तथा मन्नतें मांगी। इससे पूर्व मंगलवार की रात भजनों का कार्यक्रम हुआ।

तेजादशमी मनाने का महत्व

भारत के अनेक प्रांतों में तेजादशमी का पर्व श्रद्धा, आस्था एवं विश्वास के प्रतीकस्वरूप मनाया जाता है। भाद्रपद शुक्ल दशमी को तेजदशमी पर्व मनाया जाता है। नवमी की पूरी रात रातीजगा करने के बाद दूसरे दिन दशमी को जिन-जिन स्थानों पर वीर तेजाजी के मंदिर हैं, मेला लगता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु नारियल चढ़ाने एवं बाबा की प्रसादी ग्रहण करने तेजाजी मंदिर में जाते हैं।

इन मंदिरों में वर्षभर से पीड़ित, सर्पदंश सहित अन्य जहरीले कीड़ों की तांती (धागा) छोड़ा जाता है। माना जाता है कि सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति, पशु यह धागा सांप के काटने पर बाबा के नाम से पीड़ित स्थान पर बांध लेते हैं। इससे पीड़ित पर सांप के जहर का असर नहीं होता है और वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है।

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