राज सरतलिया, पारा
पुण्य सम्राट आचार्य देवेश श्रीमद विजय जयंतसेन सुरिश्वरजी मसा ने एक सभा में कहा था कि आप ज्यादा से ज्यादा वर्षितप करो पारणा कराने मैं स्वयं आऊंगा। गुरुदेव के इसी वचन को शिरोधार्य कर पारा के श्रावक – श्राविकाओं ने सामूहिक रूप से 40 वर्षितप के पच्छखाण लिए। पूज्य गुरुदेव के देवलोक होने के बाद उनके पट्टधर धर्म दिवाकर नित्यसेन सुरिश्वरजी ने गुरु वचन को अपना कर्तव्य मानते पारा श्री संघ को अपनी निश्रा प्रदान करने की आज्ञा दी। शनिवार को पूज्य गुरुदेव नित्य सेन सुरिश्वरजी मसा के भव्य मंगल प्रवेश के साथ ही आज से नगर में तीन दिवसीय पारणोत्सव शुरू होगा। पूण्य सम्राट जयंतसेन सुरिश्वरजी ने देवलोक के पूर्व पारा में साध्वी भगवंत अविचलदृष्टाश्रीजी के चातुर्मास की सहमति दी थी उन्हीं की प्रेरणा से हुई इस सामूहिक तपस्या की पूर्णाहुति मंगलवार को होगी। तीन दिवसीय इस आयोजन में गच्छाधिपति के साथ ही अन्य कई साध्वी भगवंत भी अपनी निश्रा प्रदान करेंगी। जैनश्री संघ अध्यक्ष प्रकाश तलेसरा एवं परिषद के प्रचार मंत्री सुशील छाजेड ने बताया कि अक्षय तृतीया के तीन दिनी आयोजन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
मंगल प्रवेश के बाद हुआ स्वामिवात्सल्य
शनिवार को आचार्यदेवेश नित्यसेन जी, मुनि वि़द्वतरत्नविजय एवं मुनि तारकरत्न विजय का बोरी से होते हुए महोत्सव स्थल पर सुबह 7 बजे भव्य मंगल प्रवेश हुआ। आयोजन स्थल पर सुबह की नवकारसी का लाभ सुरेशचंद्र कोठारी परिवार द्वारा लिया गया। मुख्य बाजार स्थित श्री नवकार भवन में साढे आठ बजे सभी तपस्वियों के ब्यासने हुए। नवकारसी के बाद गाजे-बाजे के साथ गुरुदेव की निश्रा में नगर के मुख्य मार्गो से एक शोभायात्रा निकाली गई जिसमें पूण्य सम्राट का चित्रपट सबसे आगे चल रहा था। समाज के प्रत्येक घर से पूण्य सम्राट एवं वर्तमान गच्छाधिपति की गहुली की गई। शोभायात्रा के पूनः कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद सुश्रावक तथा संघ के संरक्षक राजेंद्र कोठारी ने सामुहिक गुरुवंदन करवाया। गुरुदेव के मंगलाचरण के बाद बालिका परिषद ने भक्ति गीत से गुरुदेव का स्वागत किया। पारा के निकट ग्राम खरडू बड़ी के परम गुरु भक्त भारत सिंह राठौर ने अपने ग्राम में साधु संतो के रुकने के लिए 20 गुणा 60 के एक भवन निमार्ण की स्वीकृति गुरुदेव से मांगी जिसकी राजेंद्र जयंत विहार धाम के नाम से गुरुदेव द्वारा स्वीकृति दी गई। भवन निर्माण की भूमि पर वासक्षेप हेतू आचार्यदेव आज सुबह विहार कर खरडू पहुंचें। इसके बाद संघ एवं परिषद की ओर से लाभार्थी परिवारों द्वारा नगर के पांच तपस्वियों मंजूला मनोहर छाजेड़, रश्मि राजेश कोठारी, सपना राकेश कोठारी, माला मनीष छाजेड़ तथा पायल आशीष कोठारी का बहुमान किया गया जो सिद्धाचलजी तीर्थ पर अपनी तपस्या की पूर्णाहुती का पारणा करेंगे। महोत्सव स्थल पर सुबह का स्वामीवात्सल्य आयोजित किया गया जिसका लाभ राजेंद्र पगारिया द्वारा लिया गया। दोपहर में स्थानीय नवकार भवन में मेंहदी लगाई गई। तपस्वियों का शाम का अंतिम ब्यासना महोत्सव स्थल पर आयोजित किया गया। वहीं शाम का स्वामीवात्सल्य तपस्वी परिवारों द्वारा रखा गया।
ये देंगे निश्रा – तीन दिवसीय पारणोत्सव में गच्छाधिपति नित्यसेनसूरिजी के साथ मुनि विद्वतरत्नजी, मुनि तारकरत्नजी, साध्वी अविचलदृष्टाश्रीजी आदि ठाणा, साध्वी अमितदृष्टाश्रीजी आदि ठाणा, साध्वी अनेकांतलताश्रीजी आदि ठाणा तथा साध्वी दर्शितलताश्रीजी मसा आदि ठाणा अपनी निश्रा प्रदान करेंगी।
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