धर्मांतरण मुक्त झाबुआ के संकल्प के साथ आरंभ हुआ हित चिंतक आभियान

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विश्व हिंदू परिषद द्वारा देशभर में हित चिंतक अभियान के अंतर्गत एक करोड़ देशवासियों को हित चिंतक बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार द्वारा झाबुआ जिले में संत कमल महाराज के संयोजन से उक्त अभियान की शुरुआत की गई।

झाबुआ प्रवास के दौरान आलोक कुमार द्वारा क्षेत्र में ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित की जा रही अवैध चर्च निर्माण की गतिविधियों पर चिंता जाहिर की गई।
भवन निर्माण की अनुमति की आड़ में नियमों की अवमानना करते हुए किए जा रहे सभी विधि विरुद्ध निर्माणों की अनिवार्य रूप से जांच किए जाने की बात कही गई। साथ ही, क्षेत्र में चंगाई सभा व अन्य माध्यमों से चल रहे धर्मांतरण के षड्यंत्र पर लगाम लगाने की मांग की गई।

आपके द्वारा कहा गया कि किसी भी संस्था को शिक्षा अथवा स्वास्थ्य सेवाओं की आड़ में धार्मिक स्थानों के निर्माण की अनुमति नहीं है, हम सरकार से इस संदर्भ में जांच हेतु अपील करेंगे।

क्षेत्र में कथित रूप से संचालित किए जा रहे अवैध धर्मांतरण के संबंध में चिंता जाहिर करते हुए आलोक कुमार द्वारा कहा गया, कि जिला कलेक्टर से सूचना के अधिकार में प्राप्त जानकारी के अनुसार झाबुआ जिले में आदिवासी से ईसाई धर्म में धर्मांतरित एक भी व्यक्ति नहीं है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि क्षेत्र में संचालित की जा रही धर्मांतरण की गतिविधियां पूर्ण रूप से विधि विरुद्ध हैं।

आलोक कुमार द्वारा कहा गया कि विश्व हिंदू परिषद समाज को संगठित एवं जागृत कर झाबुआ को धर्मांतरण मुक्त बनाने हेतु संकल्पित है।

संविधान के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए उनके द्वारा कहा गया कि भारतीय संविधान में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की व्यवस्था है, लेकिन यदि अपने परंपरागत रीति रिवाज छोड़कर व्यक्ति धर्मांतरित हो जाता है, नए मसीहा एवं नई किताब के प्रति श्रद्धावान हो जाता है, ऐसी स्थिति में वह आरक्षण का पात्र कतई नहीं रह जाता। जिला प्रचार प्रसार प्रमुख हिमांशु त्रिवेदी ने बताया मूल परंपराओं एवं रीति-रिवाजों का अनुपालन करने वाले अनुसूचित जनजाति के लोगों को ही आरक्षण का लाभ मिले एवं अन्य लोगों को इससे बाहर किया जाना चाहिए।साथ में प्रांत मंत्री सोहन विश्वकर्मा उपस्थित रहे। विश्व हिंदू परिषद द्वारा धर्मांतरण मुक्त अभियान को गति प्रदान की जाएगी।

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