झाबुआ लाइव के लिए कल्याणपुरा से गगन पंचाल की रिपोर्ट-
तेजादशमी पर स्थानीय अम्बिका चौक के तेजाजी मंदिर से बैंडबाजों के साथ एक भव्य जुलूस पूरे नगर में निकाला गया। इस शोभायात्रा मंदिर पहुंंची, आरती के बाद पूरे वर्ष जहरीले जंगली जानवर के काटने से जो तांती बांधी गई। तेजाजी महाराज की मूर्ति के सामने उनके अंश रूप में दुलसिंग परमार, रूपसिंग राठौर, भेरूलाल राठौड़ द्वारा उक्त तांतियों को तोडक़र बंधन मुक्त किया गया। जिसमें महिलाएं, पुरुष, बच्चे और सभी प्रकार के पशुओं की 500 से भी अधिक तातियो को काटा गया तेजाजी महाराज की दशमी को लेकर मान्यता है कि अगर किसी को जहरीले जानवर ने काटा हो और सिर्फ एक डोर जिसे तांती कहते है को तेजाजी महाराज के नाम से बांधने से उक्त जहर का असर समाप्त हो जाता है व साल में एक बार जब दशमी पर मेला लगता है तो उक्त तातियो को काट कर तेजाजी महाराज की मूर्ति के चरणों मे अर्पित किया जाता है जिससे पूरी तरह जहरीले जानवर के जहर से पूर्ण रूप मुक्त हो जाते है