झाबुआ में सरकारी संख्या के साथ महज औपचारिकता बनकर रह गया मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम, अव्यवस्था ऐसी कि आधे कार्यक्रम में भी लगते रहे फ्लेक्स

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नवनीत त्रिवेदी @झाबुआ Desk

मध्य प्रदेश आज अपना 66 वा जन्मदिन मना रहा है, ग्राम पंचायत स्तर से लेकर जिला, संभाग और प्रदेश स्तर पर सात दिवसीय कार्यक्रम की योजना मध्यप्रदेश शासन द्वारा बनाई गई है, पहले दिन जिला स्तर पर ध्वजारोहण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।

झाबुआ का मुख्य कार्यक्रम शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के खेल मैदान पर आयोजित किया गया था, जहां क्षेत्रीय सांसद, क्षेत्रीय विधायक,जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक समेत प्रशासनिक अधिकारी बतौर अतिथि मौजूद थे, कार्यक्रम में शासकीय एवं निजी स्कूलों के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गई, हितग्राहियों को लाभ संबंधी प्रमाण पत्र वितरित किए गए लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या शासकीय कार्यक्रम शासकीय संख्या के साथ ही संपूर्ण होंगे या शहर एवं जिले वासियों की भी सहभागिता ऐसे कार्यक्रमों में सुनिश्चित होगी, विगत मार्च माह में झाबुआ में आयोजित किए गए।

झाबुआ उत्सव के समय भी शासकीय संख्या में सीमित रहकर उत्सव आयोजित किया गया था तो आज भी मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस इन्हीं शासकीय स्कूलों के बच्चों अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में संपन्न हो गया। अवस्थाएं को कई सारी इस आयोजन में भी थी जिसमें महत्वपूर्ण है कि श्री महाकाल महलों के फ्लेक्स कार्यक्रम शुरू होने के 1 घंटे बाद मैदान पर लगाए गए, क्या ऐसे प्रयास नहीं किया जाना चाहिए कि आमजन की भी ऐसे कार्यक्रमों में पूर्णतः सहभागिता हो ताकि असल में मध्य प्रदेश स्थापना दिवस शासकीय आयोजन नहीं बल्कि पूरे जिले का आयोजन हो ये चरितार्थ हो। उम्मीद है कि जिले के आला अधिकारी आगामी शासकीय जनों के लिए ऐसे प्रयास करेंगे जिसे शेर सही जिला वासियों को भी महसूस कि प्रशासन हमारे लिए है, कार्यक्रम हमारे लिए है, एवं हमारे जाने से यह कार्यक्रम सफल होंगे ना कि सरकारी भीड़ जुटाकर महज औपचारिकताएं करने से।

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