जिला पंचायत अध्यक्ष / उपाध्यक्ष अविश्वास प्रस्ताव का जिले की राजनीति पर होगा असर !!

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चंद्रभान सिंह भदौरिया

झाबुआ जिला पंचायत अध्यक्ष सोनल भाबर ओर उपाध्यक्ष अकमाल मालू के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव तो गिर गया लेकिन इससे झाबुआ जिले के थांदला ओर पेटलावद विधानसभा की राजनीति बदलने जा रही है ..बात अगर थांदला विधानसभा की करें तो अविश्वास प्रस्ताव जीतकर सोनल जसवंत भाबर ओर मजबूत होकर उभरी है .. कांग्रेस में उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले गेंदाल डामोर परिवार को कांग्रेस ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है .. वीर सिंह भूरिया उम्रदराज हो चले हैं और महज 700 वोटों से जीत पाए थे ऐसे में अब अगला नंबर सोनल जसवंत भाबर का लग सकता है .. लेकिन इसके लिए जसवंत भाबर को अपनी जेब में लगाई गयी सिलाई खोलनी पड़ेगी !!

समन्वय समिति की बैठक ने जुतमपैजार की नौबत !!

झाबुआ में विगत दिनों एक पार्टी की समन्वय समिति की बैठक बुलाई गयी जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी भी मौजूद थे ..बैठक के दौरान एक बड़े सीनियर आदिवासी नेता ओर एक पूर्व विधायक के बीच जोरदार भिड़ंत ओर तु तु मै मै हो गयी ओर‌ कुर्सियां तक मारने के लिए उठा ली गयी ओर गद्दार की संज्ञाएं एक दूसरे को दी गयी ..वह तो‌ गनीमत रही कि कुछ लोगों ने बीच बचाव कर दोनों को‌ अलग किया वरना गांधीजी की अहिंसा का सिद्धांत हवा हवाई साबित होने वाला था ..!!

युंका जिला अध्यक्ष पद पर कोई टिकता क्यों नहीं !!

झाबुआ जिले मे कांग्रेस के युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद पर लगता है किसी बुरे ग्रह की छाया लगी है अब देखिए जो भी कांग्रेस की इस युवा विंग का जिला अध्यक्ष बनता है वह कांग्रेस से ही विदा हो‌ जाता है ..अब देखिए एक साल पहले युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष थे विजय भाबर .. लेकिन विजय ने लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले BJP ज्वाइन कर ली .. उसके बाद राजेश डामोर को युवक कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बनाया गया .. लेकिन महज 6-7 महीने में ही राजेश डामोर कांग्रेस से निष्कासित कर दिए गये .. क्योंकि उनकी पत्नी शांति राजेश डामोर ने हाल ही कांग्रेस कोटे की जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष के खिलाफ लाए गये अविश्वास प्रस्ताव में वह बीजेपी के साथ चली गयी थी ..इसका खामियाजा राजेश डामोर को युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद गंवाकर चुकाना पड़ा

क्या अविश्वास प्रस्ताव के मिशन में मंत्री निर्मला भूरिया को दुर रखा गया !!]

हाल ही में झाबुआ जिला पंचायत अध्यक्ष / उपाध्यक्ष के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव की पुरी फील्डिंग ओर प्रक्रिया से प्रदेश की महिला बाल विकास विभाग की मंत्री निर्मला भूरिया को दुर रखा गया या उन्हें बाद में इसकी जानकारी उन्हें दी गयी ? इन सदस्यों का भोजन राजधानी भोपाल में एक मंत्रीजी के यहां हुआ था लेकिन वह मंत्री निर्मला भूरिया नहीं थी

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