जब तक सूरज और चांद तब तक अमर रहेगा नाम गुरुवर तुमको प्रणाम, पूण्य सम्राट का 84वां जन्मोत्सव मनाया विभिन्न आयोजनों के साथ मनाया
राज सरतलिया, पारा
नगर जैन समाज ने विश्व पूज्य दादा गुरुदेव के श्रेष्ठतम पट्टधर पूण्य सम्राट आचार्य देवेश श्रीमद विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी का 84वां जन्मोत्सव विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। अल सुबह भक्तामर , गुरु गुण इक्कीसा, गौतम इक्कीसा, गुरुगुणानुवाद, के बाद जयंतसेन इक्कीसा का पाठ किया गया। इसके बाद श्री राजेन्द्र परिषद, तरुण परिषद एवं बालिका परिषद के सदस्यों ने गुरुदेव के जयकारों के साथ प्रभातफेरी निकाली।
पारा के मुख्य बाजार स्थित श्री आदिनाथ-शंखेश्वर-सीमंधर धाम जिन मंदिर पर लाभार्थियों द्वारा विभिन्न पूजन की गई। इसके बाद गणिवर्य राजेन्द्र विजयजी की निश्रा में गुरु जन्मोत्सव की शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्गो से निकाली गई जिसमें पूण्य सम्राट के चित्र के समक्ष समाज के प्रत्येक घर से गहुली की गई।
शोभायात्रा के स्थानीय श्री राजेन्द्र गुरु ज्ञान मंदिर पहुंचने के बाद गुरुगुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया जिसमें समाज के सरंक्षक तथा पाठशाला के गुरुजी राजेन्द्र कोठारी ने दादागुरु देव तथा पूण्य सम्राट की प्रतिमा के समक्ष सामूहिक गुरुवंदन करवाया। सभा को श्री संघ अध्यक्ष प्रकाश तलेसरा, राजेन्द्र कोठारी ने सम्बोधित किया वहीं युवा गुरुभक्त विभाष ए जैन द्वारा स्वरचित शानदार गुरुभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया। छोटी बालिका ध्वनि कर्णावत, खुशी व्होरा, अवि भंडारी, चहेती कोठारी ने भी अपनी सुमधुर वाणी से जयंत सेन गुरु के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
गुजरात के कवाट से कार्यक्रम में अपनी निश्रा प्रदान करने वाले गणिवर्य राजेन्द्र विजय जी मसा ने पूण्य सम्राट के साथ बिताए अपने संस्मरणों को सुनाते कहा कि जिसकी जय का कोई अंत ना हो ऐसे हैं जयंत। आपने फरमाया की गुरु का हर वाक्य मंत्र होता है और गुरु जयंतसेन पारा पर तो असीम आशीर्वाद रहा है। मुम्बई से पधारे प्रसिद्ध उद्योगपति शैलेन्द्र घीया ने भी अपना सम्बोधन दिया। श्रीसंघ महामंत्री प्रकाश छाजेड़ ने कार्यक्रम संचालन किया। गुरु जन्मोत्सव पर तरुण परिषद द्वारा स्कूल, अस्पताल में मिठाई लुगदी का वितरण किया। वहीं महिला परिषद ने झाबुआ गौशाला में गाय को खल,गुड़ खिलाए तथा रानापुर करुणा सदन में कोड़ियों को सेव, लुगदी,फल, बिस्किट्स, आजादनगर अंधाश्रम में बच्चो को भोजन करवाया और बिस्किट्स बांट कर जीव दया के कार्य किये। पूण्य सम्राट के जन्मोत्सव पर रविवार दोपहर में पूण्य सम्राट की पूजन पढ़ाई गई। इसके पूर्व श्रेणिक कुमार, राजेन्द्र कुमार, सुनील कुमार, रितेश कुमार तथा मन्त्र पगारिया परिवार की ओर से स्वामीवत्सल्य रखा गया। दोपहर में ही जयंतसुरी गुरुपद महापूजन का आयोजन रखा गया। इसके बाद महिलाओं द्वारा सामूहिक सामयिक की गई। शाम को प्रतिक्रमण के बाद बालिका और महिला परिषद ने सुंदर सजावट करते स्तवन, चौवीसी एवं धार्मिक हाउजी का आयोजन किया। गुरु जन्मोत्सव पर रात्रि में समाज के प्रत्येक घर पर 5 – 5 दीपक प्रज्ज्वलित किये गए।
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