जन जाग्रति मंच ने मांगों को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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झाबुआ- मंगलवार को जन जाग्रति मंच के बैनर तले ग्रामीणों ने कलेक्टर को विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नाम से संबोधित उक्त ज्ञापन में ग्रामीणों की मांग थी कि जिला आदिवासी बाहुल जिला होकर जिसकी अधिकतम आबादी खेती पर निर्भर है। क्षेत्र में अनेकों विपरीत परिस्थितियों के चलते अधिकतम क्षेत्रवासियों को जीविका हेतु पलायन करना पड़ रहा है। यह बड़ी विडंबना है कि जिले में जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के बावजूद भी पलायन हो रहा है। ग्रामीणों ने मांग की कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र दोनों देश को, राज्य को तथा विशेषकर के जिले को खोखला होने से बचाने हेतु मांगे पूरी की जाए जिनमें देश की सीमाओं पर तैनात सैनिकों व सिपाहियों का वेतन बढाया जाय तथा उन्हें हर टैक्स से मुक्त रखा जाए।
सांसद-विधायकों की सुविधाएं में करे कटौती
सांसद व विधायकों को दी जाने वाली सुविधाएं में कटौती की जाए। छूट दी जाने पर देश को करोड़ों रूपयों का घाटा होता है, किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिले ताकि किसान अच्छा अनाज बो सके, स्थाई-अस्थाई सभी वर्ग के कर्मचारी व अधिकारी वर्ग को माह के 15 दिन आधी वेतन दे दी जाए ताकि कार्य में गुणवत्ता आए, मजदूर वर्ग को साप्ताहिक अर्थात हाट के दिन मजदूरी का भुगतान अनिवार्य रुप से दिया जाए ताकि मजदूर की जीविका चले। वहीं क्षेत्र में अवैध रुप से अमानक खाद व बीज की बिक्री रोकी लगाई जाए।
अवैध खनन रोकने की मांग
क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को शीघ्र रोका जाए जो कि 5वीं अनुसूची के विपरित भी है, राज्य के विभिन्न जिलों में वन अधिकार अधिनियम के तहत प्रस्तुत आवेदनों की सुनवाइ अभी तक क्यों नहीं हुई ? इसकी जांच की जाकर आवेदनों का निराकरण कर पटटे दिए जाए, प्लास्टिक के उपयोग पर यथाशीघ्र रोक लगा दी जाकर क्षेत्र को पर्यावरणयुक्त बनाया जाए, विदेशी शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाए, पंचायत संरपचों व सचिवों की मांगो को तत्काल पूरी की जाकर क्षेत्र में रोजगार कार्य जल्दी शुरु किया जाए, झाबुआ जिला कृषि प्रधान जिला होने के नाते जिले में इसी सत्र-2017-18 में कृषि महाविद्यालय खोला जाए। जिले में यह मांग जागृति मंच द्वारा पिधले 8 सालों से कोी जा रही है, बाजार में जितनी भी दुकानें बिना पंजीयन के चलाई जा रही है उन पर तत्काल रोक लगाई जाए तथा जो पंजीकृत हैं वे अपने पंजीयन नंबर लिखे। प्रत्येक वर्ष बारिश की कमी को देखते हुए जल संग्रहण के पर्याप्त संसाधन बनाए जाए। इस हेतु गांवों से होकर निकलने वाले नालों व नदियों को गहरा किया जाए, सरकारी चिकित्सक अपने आवास पर चिकित्सा सेवा अर्थात इलाज शुरू न करेे बल्कि अपनी सेवाएं नियमित रूप से अस्पतालों के माध्यम से प्रदान करे, सभी शासकीय कर्मचारी अपने बच्चों को शासकीय स्कूलों में शिक्षा दिलाएं विशेष करके जो शासकीय शिक्षक-शिक्षिकाओं के रूप में क्षैत्र की विभिन्न शालाओं में तथा शिक्षा विभाग में पदस्थ हैं । ऐसा करने से विद्यार्थियों में गुणवता शिक्षा आएगी। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पीने के पानी की पर्याप्त सुविधा मुहैया करवाए। जनजाग्रति मंच के अध्यक्ष दुरबान भूरिया, सचिव वलहींग भूरिया, सदस्य खूना, तड़वी पुना, हुरजी डामोर, खोमा, हुकरिया भूरिया, राकेश डामोर, पांगला कटारा, दीतिया गेंदाल, होमला डामोर समेत सैकड़ों ग्रामीण इस दौरान मौजूद थे।

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