रतलाम से पीलाताणा के लिए निकली 600 किमी की यात्रा का खवासा में किया भावपूर्ण स्वागत

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झाबुआ लाइव के लिए खवासा से अर्पित चोपड़ा की रिपोर्ट-
परम पूज्य बंधू बेलड़ी जैनाचार्य जिनचंद्र सागरसूरीजी मसा तथा जैनाचार्य हेमचंद्रसागरजी मसा के साथ आए 75 साधु-साध्वी वृंद की निश्रा में 15 दिसंबर से प्रारंभ हुई लगभग 600 किलोमीटर लंबी यात्रा का भव्य पदयात्रा का आज नगर में बैंडबाजों तथा ढोल ढमाकों के साथ सकल जैन समाज खवासा द्वारा भावपूर्ण स्वागत सत्कार किया गया। गुरुदेव ने रात्रि विश्राम थांदलारोड बचपन स्कूल में किया। यात्रा में लगभग 300 यात्री शामिल है। आचार्यश्री के आगमन से गांव में धर्ममय वातावरण निर्मित हो गया।
यह है छ:रिपालित संघ-
रतलाम द्वारा निकाले गए संघ में बहुत ही नियमों का पालन करना पड़ता है तथा उसकी के चलते यात्रा का लाभ यात्रियों को मिलता है। मुख्यत छह नियमों से गुजरना पड़ता है यात्रियों को एक टाइम भोजन करना, ब्रह्मचर्य का पालन करना, शुद्ध श्रद्धा को धारण करना, खुले पैर चलना, संथारे पर सोना, सचित्र-सजीव वस्तुओं का त्याग करना जैसे सख्त नियमों का पालन करना पड़ता है।
सानिध्य प्रदाता गुरुदेव का परिचय-
छाणी गांव में जन्मे गुरुदेव ने 10 साल की उम्र में ही ही दीक्षा ले ली थी तथा त्याग तपस्या के चलते बंधू बेलड़ी के नाम से प्रख्यात भी हुए साथ पूज्य जिनचंद्र सागर सूरिजी मसा तथा पूज्य हेमचन्द्र सागर सुरीजी जैन धर्म के प्रखर नायक भी है। बंधु बेलड़ी गुरु लगभग 80 शिष्यों के गुरुदेव भी है तथा चेन्नई पालीताणा एवं सूरत शिखरजी जैसे महासंघ प्रणेता एवं नवकार मंत्र के आराधक भी है। साथ ही पूज्य हेमचन्द्र सागर मसा, प्रख्यात प्रवचनकार है तो पूज्य जिनचंद्र सागर मसा प्रख्यात संगीतकार भी है तथा सबसे अधिक प्रवचनकारक के आप आचार्यद्वव भी है।
गुरुदेव का सुंदर स्वप्न-
जैन आर्यतीर्थ अयोध्यापुरम पूज्य गुरुदेव साथ ही ढेर सारे तीर्थ के निर्माता भी है जैसे सुमेरु नवकार तीर्थ, अभयधाम व अयोध्यापुरम आदि मुख्य है। गुरुदेव द्वारा अयोध्यापुरम में विश्व की सबसे बड़ी 23 फीट की और लगभग 350 टन वजनी आदिनाथ दादा की एकमात्र पाषाण से निर्मित की गई है तथा इस धाम पर प्रतिवर्ष लगभग चार लाख यात्री एवं लगभग तीन हजार साधु साध्वी पधारते हैं।
दिन भर हुए कार्यक्रम-
खवासा में पधारे गुरुदेव के विश्राम स्थल पर दिन भर भक्तिमय कार्यक्रम हुए तथा गुरुदेव के प्रवचन भी हुए और साथ ही प्रवचन में प्रभावना का लाभ कमल कुमार शैतानमल चोपड़ा ने लिया तो बहुमान खवासा श्रीसंघ अध्य्क्ष कांतिलाल वागरेचा द्वारा किया गया। आचार्यश्री की आगवनी से लेकर दिनभर के कार्यक्रम में खवासा पुलिस चौकी प्रभारी भागीरथ बघेल, प्रधान आरक्षक शैलेन्द्र शुक्ला, प्रहलाद गुर्जर ने भी मोर्चा संभाले रखा था। चौकी प्रभारी बघेल ने बताया गया कि आचार्यश्री का कल सुबह विहार होने के चलते हम आचार्य को सुजापुरा घाट तक छोडऩे भी जाएंगे और वहां से थांदला पुलिस भी आचार्यश्री के साथ जाएगी। गौरतलब है कि आचार्यश्री का सोमवार अलसुबह 5 बजे थांदला की और विहार होगा जहां पर थांदला श्री संघ द्वारा आचार्य श्री की आगवानी करेंगे।
यात्रा के आयोजक-
संघ का आगाज रतलाम से हुआ जिसके आयोजक शेखर भाई सुशीलाबेन भंवरलाल कांसवा है तथा पूर्व में भी लगभग तीस साल पहले भी इसी कासवा परिवार ने रतलाम पालीताणा पदयात्रा निकल करके यात्रा का लाभ लिया था। पालीताणा जैनों का पवित्र धाम, शाक्ततीर्थ है, चेन्नई से पालीताणा निकलने वाला संघ सबसे लंबा पैदल संघ है जो मसा के सानिध्य में निकलता है।

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