चिंतन बैठक में बोले राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता – वैश्य समाज को एकीकृत कर ताकतवर बनाना है

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झाबुआ। वैश्य महासम्मेलन एक ऐसा संगठन है जो राजनीति से परे हट कर प्रदेश के वैश्यों को संगठित करके ऐसे ग्राम पंचायत से लेकर जिला स्तर एवं संभाग स्तर के वैश्यों को एक बैनर के नीचे लाकर उनके माध्यम से बहुआयामी कार्यो के माध्यम से जनसेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाला एक मात्र संगठन है जो किसी से लेना नहीं बल्कि देना ही अपना उद्देश्य मानता है। वैश्य महासम्मेलन की प्रथम राज्य स्तरीय बैठक नर्मदा तट पर ओंकारेश्वर मेें तथा दूसरी बैठक नर्मदा तट पर ही भेड़ाघाट मे आयोजित की गई थी अब संभागीय बैठकोूं में कुछ गंभीर विषयों को लेकर चिंतन करके वैश्य समाज को संगठित करके इस समाज के सुख दुख में काम आने वाले संगठन के रूप मे इसकी पहचान बनी है। छोटे बडे व्यापारियो की परेशानियों एवं कष्ट के समय काम आने वाला संगठन होकर इसके 10 लाख से अधिक सदस्य बन चुकी है। वैश्यों को कष्ट के समय साथ देने के लिये वैचारिक दृढ़ता के साथ तथा उनका सुरक्षा कवच बनाये जाने के उद्देश्य से प्रदेश की 24 हजार ग्राम पंचायतों, 273 तहसीलों एवं सभी जिलो में इसका नेटवर्क स्थापित किया जाचुका है और सदस्य संख्या में अभिवृद्धि का क्रम सतत चल रहा है। चिंतन बैठक के आयोजन का उद्देश्य ही पूरे प्रदेश में वैश्य महासम्मेलन के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के माध्यम से एकजुट करके तथा महिलाओं एवं युवाओं की भागीदारी करके बहुआयामी सेवा कार्य किये जा रहे है। उक्त उद्बोधन प्रदेश के राजस्व मंत्री एवं मध्यप्रदेश वैश्य महासम्मेलन के प्रदेशाध्यक्ष उमाशंकर गुप्ता ने नगर के एक नीजि गार्डन के सभागृह में संभागीय चिंतन बैठक में धार, बड़वानी, झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले के पदाधिकारियों एवं सेवा प्रकल्प सदस्यों को संबोधित करते हुए कहीं। मां लक्ष्मीजी, सरस्वतीजी एवं गणेशजी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुए इस चिंतन बैठक में प्रदेशाध्यक्ष उमाशंकर गुप्ता, अनंत अग्रवाल, प्रदेश महामंत्री कैलाश अग्रवाल, जिलाध्यक्ष प्रवीण सुराणा, निर्मल अग्रवाल, दौलत भावसार, विनेाद बाफना, महेश माहेश्वरी, सत्यनारायण राठी, ओच्छबलाल सोमानी, गिरधारीलाल, दीपेश सकलेचा बबलू, सहित बडी संख्या में अतिथि मंचासीन थे। दो सत्र में संपन्न इस चिंतन बैठक में राजस्व मंत्री एवं संगठन के प्रदेशाध्यक्ष उमाशंकर गुप्ता ने जिले वार संगठन की समीक्षा करते हुए आमंत्रित प्रमुख पदाधिकारियों को संबोधित करते आगे कहा कि यह विशुद्ध रूप से गैर राजनैतिक होकर इसका राजनीति से कोई लेना देना नही है। गुप्ता ने कहा कि इस संगठन का किसी से लेना नही वरन देना ही काम है। उन्होने कहा कि आज कल राजनैतिक फैशन बन गया है कि चुनाव के समय विभिन्न समाजों के संगठन से चुनाव में खडे होने वाले प्रत्याशी सिफारिशी पत्र लिखवाते है किन्तु वैश्य महा सम्मेलन ही ऐसा संगठन है जिसका इसमें कोई भूमिका नही होती है। संगठन की मजबूती के लिए उन्होने आव्हान किया कि कोई भी राजनैतिक दल ऐसे ही प्रत्याशियों को टिकट देता है जिसका जनाधार होता है। हमारा संस्कार बनियों का है हम देना जानते है किसी के सामने हाथ नही फैलाते है। हमे अपनी ताकत खड़ी करना है। उन्होने वैश्य समाज के हर सदस्य हर व्यक्ति पर आने वाले संकट के समय एकजुट होने के उदाहरण देते हुए कहा कि एक दुसरे के सुख-दुख मे हमे सब काम छोड कर मदद के लिये पहुंचाना चाहिए। उन्होंने खाचरोद के एक व्यापारी के यहां हुई डकैती की घटना के समय उज्जैन संगठन के पदाधिकारियों द्वारा पहुंच कर सान्त्वना देने तथा उन्हे मदद करने का भरोसा देने से उस व्यापारी के मनोबल को बढ़ाने की घटना का जिक्र करते हुए इससे संगठन को ताकत मिलने की बात कहीं। इसी के साथ आगामी 20 एवं 21 सितम्बर को वैश्य महासम्मेलन के इन्दौर मे आयोजित परिचय सम्मेलन के बारे मे भी जानकारी देते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए बनियों को मधुमक्खियों के छत्तों की तरह एकजुट होने का आव्हान किया। यदि हमने आने वाले समय को नही समझा तो आने वाली पीढी हमे कभी माफ नही करेगी। इस अवसर पर सोनकच्छ से आए सत्यनारायण राठी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए संगठन की मजबूती के लिये उमाशंकर गुप्ता के नेतृत्व में एकजुट होने का आव्हान किया तथा प्रत्येक जिला, तहसील, ग्राम पंचायत स्तर के संगठन को अपना बोर्ड लगा कर उस पर मोबाईल नंबर अंकित करने का सुझाव दिया। उज्जैन से आये अरवन्दि जैन ने भी संगठन के विस्तार एवं उसके लक्ष्य विषय पर अपने विचार व्यक्त किये कि जो बा्रहम्ण, शुद्र, क्षत्रिय नही हो वही वैश्य होता है। वैश्य चाहे गरीब हो किन्तु स्वाभिमानी होते है। उन्होने वैश्य महासम्मेलन के प्रकोश्ठ बनाने, व्हाटसप से जुडने, युवाओं का रक्तदान शिविर लगाने, महिला इकाई द्वारा निशुल्क कोचिंग क्लासेस चलाने जेैसे रचनात्मक काम करने का आव्हान किया। साथ ही गुडी पडवा पर वैश्य दिवस, 8 फरवरी को नानाजी की पुण्यतिथि, 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के साथ प्रतिभा सम्मान समारोह, समाज सेवी सम्मान, आजीवन सदस्य सम्मेलन, हर घटक का फंड स्थापित करने एवं संपर्क सदस्य बनाए जाने का एवं विभिन्न आयोजन करने की बात कही। इस अवसर पर महेश माहेश्वरी ने धार जिले के मांडव में 29 व 30 जुलाई को हाने वाली कार्यकारिणी की बैठक में सभीह की सहभागिता करने की बात कही। इस अअवसर पर आलीराजपुर के वैश्य समाज ने 54 नये सदस्यों को बनाये जाने फार्म मंत्रीजी को सौंपे। कार्यक्रम का संचालन दीपेश सकलेचा बबलू ने मिकया तथा आभार जिलाध्यक्ष प्रवीण सुराणा ने माना।

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