ग्राम को एक हैंडपंप का सहारा वह भी बंद, पेयजल की किल्लत झेल रहे ग्रामीण

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जीवनलाल राठौड़, सारंगी
मई माह में भीषण गरमी का प्रकोप शुरू हो चुका है और सारंगी में आलम यह है कि पानी होने के बावजूद भी ग्रामीण पानी की किल्लत झेल रहे हैं। गौरतलब है कि शासन-प्रशासन ने पानी के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए लेकिन सारंगी में पीने के पानी का एकमात्र साधन बस स्टैंड पर एक हैंडपंप है वह भी करीब 6 महीने से बंद पड़ा है न तो ग्राम पंचायत और ना ही पीएचई विभाग ग्रामीणों की बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान दे पा रहा है। हैंडपंप बस यात्रियों व गांव वालों को पीने के पानी की एक ही व्यवस्था थी लेकिन इस भीषण गर्मी में पानी के लिए लोग तरस रहे हैं। सारंगी बस स्टैंड पर करीब 40 से 50 गांव के लोग खरीदी करने के लिए आते हैं लेकिन उनको पानी के लिए भटकना पड़ता है एक ओर प्रशासन जहा हर गांव में सबसे पहले पीने के पानी की व्यवस्था करने के दावे तो करता है लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट नजर आ रही है। वजह ग्राम पंचायत की निष्क्रियता के कारण बंद पड़ा है और लोग को मजबूरन होकर निजी टैंकरों से 30 से 40 रुपए प्रति ड्रम में पीने का पानी खरीदना पड रहा है जबकि कई लोग हैडपम्प से पानी भरते थे लेकिन उन्हें भी हैडपम्प खराब होने की वजह से पीने का पानी का खरीदने को मजबूर है। जिम्मेदार विभाग हैंडपंप को चालू करवा कर लोगों को राहत देगी या ग्रामवासी यूं ही सुबह से लेकर शाम तक पानी की जुगत में अपना कीमती समय व्यतीत करेंगे। पंचायत की निष्क्रियता के कारण यहां की नल जल योजना भी अव्यवस्थित है गांव में पांच-छह रोज में नलों में पानी आ रहा है वह पानी भी पीने लायक नहीं है। पानी की व्यवस्था के लिए राज्य शासन ने करीब ढाई करोड़ रुपए फिल्टर प्लांट के लिए मंजूर हुए थे फिल्टर प्लांट का काम भी चालू हुआ लेकिन वह भी निष्क्रियता की भेंट चढ़ गया। सारंगी गांव वालों का कहना है प्रशासन को ध्यान देना चाहिए और इस जटिल समस्या का समाधान करना चाहिए।
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