भूपेंद्र सिंह नायक@पिटोल
प्रतिवर्ष अनुसार इस बार भी धुलेंडी के दिन पिटोल के बस स्टैंड के पास स्थित गल देवता में ढोल और मांदल के साथ लोग आकर परिवार सहित मन्नत धारियों ने गर्ल देवता पर चढ़कर अपनी मन्नत पूरी की गल के ऊपर मन्नत धारी को एक तरफ रस्सी से बांध दिया जाता है। दूसरी तरफ रस्सियों के सहारे नीचे एक व्यक्ति गल देवता के चारों तरफ गोल परिक्रमा लगाते है आज पिटोल में आसपास की 5 पंचायतों के करीब 15 गांव के लोग यहां पर मन्नत उतारने के लिए आते हैं । मन्नत के रूप में वह एक बकरे की बलि देते हैं एवं बकरे का धड़ वह अपने साथ अपने घर ले जाते हैं एवं बकरे की मुंडी गल देवता पर छोड़ जाते इस कार्यक्रम में मन्नत धारियों की मन्नत पूरी होती है । पहले धारी को पिटोल सरपंच काना गुंडिया द्वारा रस्सी के पकड़ कर नीचे से दौड़कर गोल घुमाता है के बाद यह कार्यक्रम निरंतर चलता रहता है । गल देवता वाले कार्यक्रम में दोपहर 2 बजे से 6 बजे तक पिटोल के आसपास की गरीब 10000 से ज्यादा लोग शरीक होते हैं हर बार की तरह इस बार भी इस कार्यक्रम में पंचायत द्वारा पीने के पानी की व्यवस्था की गई और पुलिस चौकी प्रभारी श्री गामड़ साहब द्वारा अपने स्टाफ के साथ व्यवस्था बनाकर शांतिपूर्ण तरीके से यह त्योहार का समापन किया।
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