गरीब मजदूर को लगने वाली गर्मी कब पहुंचेगी राजधानी के अफसरों और नेताओं तक?

May
डा नरेश पटेल

आज आम चुनाव की गर्मी से ज्यादा उत्तर भारत मौसम की गर्मी से परेशान है । उत्तर भारत के अधिकतर राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा,पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र भीषण गर्मी से पीड़ित है। जानलेवा गर्मी में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया हैं। अधिकतर सामान्य जन अपने कामकाज को सुबह-सुबह ही करना पसंद करते हैं, ज्यादातर लोग अपना जरूरी काम सुबह 11 बजे तक करके घरों में एसी, कूलर की ठंडी हवा में दुबक जाते हैं । ज्यादातर सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज गर्मी की वजह से प्रभावित हो रहे हैं । इतनी भीषण गर्मी में नरेगा के मजदूरों का समय बदला गया लेकिन क्या वास्तव में बदला हुआ समय उचित है?
मृत्यु के करीब ले जाने वाली गर्मी में महात्मा गांधी नरेगा के अलावा सामान्य अन्य कार्यों में लगे हुए मजदूर सुबह 10:00 बजे से शाम के 5:00 तक भीषण गर्मी में काम करते हैं लेकिन उनके स्वास्थ्य को लेकर प्रशासन और अन्य विभागों को कोई चिंता नहीं है। अन्य देशों की बात करें तो जहां गर्मी अधिक है उन देशों में जैसे कुवैत में 11 बजे के बाद मजदूरी करवाने पर कड़ा प्रतिबंध है। यदि कोई व्यक्ति या संस्थान 11:00 बजे बाद भी मजदूरी करवाता है, उसे कानूनन रूप से अपराध माना जाता है।

राज्य सरकारों ने अन्य कामों में लगे हुए मजदूरों के लिए कोई भी नियम कानून नहीं बनाया जबकि महात्मा गांधी नरेगा में मजदूरी कार्य को करने के समय को बदल दिया हैं। गैर महात्मा गांधी नरेगा कार्यों में लगे मजदूरों के कल्याण के लिए कार्य करने वाले श्रम विभाग और श्रम मंत्री इस विषय पर चुप है !
शायद नरेगा के अलावा मजदूरी करने वाले लोगों की जिम्मेदारी प्रशासन की नहीं है या फिर उनके स्वास्थ्य से प्रशासन और अन्य विभागों को कोई मतलब नहीं है।
गरीब मजदूर इस गर्मी में जब काम करता है तो बीमार होता है और दवाई और अस्पताल के खर्च के चलते और गरीबी की तरफ धसता ही चला जाता है। उल्टी- दस्त, लू तथा हिट वेव के शिकार सबसे ज्यादा गरीब – मजदूर वर्ग ही हो रहा है। गरीब वर्ग मेहनत करके अपने आप को गरीबी से बाहर निकालने की कोशिश करता है लेकिन अक्सर प्रशासन की लापरवाही से वह वापस इस गरीबी के दलदल में चला जाता है । इस भीषण गर्मी में मजदूरों को लगने वाली गर्मी राजधानी के अफसरों और मंत्री जी तक कब पहुंचेगी? क्या अन्य कार्यों में लगे हुए मजदूरों के समय को लेकर कोई दिशा निर्देश प्रशासन जारी करेगा? पता नहीं ! शायद नहीं! क्योंकि इस भीषण गर्मी की चुभन एसी के बंद कमरों में नहीं लगती!

लेखक
डा नरेश पटेल
सामाजिक कार्यकर्ता
मो 9414725858