गट्टे का सट्टा कर रहा कई घरों को तबाह, जीतू, ललित, और पंकज लगातार बड़ा रहे इस गौरखधंधे को.. आखिर पुलिस क्यों है मौन..??

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नवनीत त्रिवेदी @ झाबुआ Desk

शहर में सट्टा ; जुआ अब हर गली एवं हर मोहल्ले में संचालित हो रहा है पहले शहरी एवं तहसील स्तर तक संचालित यह गोरखधंधा अब गांवों एवं फलियों तब भी संचालित हो रहा है, वैसे तो महीने – 2 महीने में छोटे तौर पर व्यापार करने वाले इन सटोरियों पर पुलिसिया डंडा चलता है मगर इनके जो सर्वेसर्वा है वो हर बार दबाव-प्रभाव एवं धनबल के दम पर बच निकलते है, झाबुआ शहर की ही बात करें तो 30 से 35 जगह सरेआम सट्टा संचालित हो रहा है। शहर का राधाकृष्ण मार्ग इस मकड़जाल का केंद्रबिंदु है, वैसे तो यहां से दिखावे मात्र के लिए महिला परिधान का प्रतिष्ठान संचालित है , मगर यहीं से शहर के अलग – अलग क्षेत्रों में संचालित हो रहे आंकड़ो के खेल का हिसाब -होता है, इस गोरखधंधे के सर्वेसर्वा के साथी लक्ष्मीबाई मार्ग से ललित नाम का युवक सट्टा लिखना, पैसों का लेनदेन करते है एवं महीना बंदी का नाम लेकर कुछेक रखवालों के संरक्षण की धौस भी देते है। इनका ही साथी पंकज बड़े लेनदेन का हिसाब देखता है। इनके इस मकड़जाल में कईं युवा अपना जीवन बर्बाद कर चुके है। इनका सीधा जुड़ाव रतलाम – झाबुआ के एक बड़े व्यवसायी से है, जिसके संबंधों की धौस ये आये दिन छोटे ग्राहकों एवं सामान्य लोगों पर जमाते देखे जा सकते है।

इन सबके बीच में रोचक बात यह है कि पुलिस को जब सारी बातें मालूम है, अगर पुलिस चाहे तो 24 घंटे में शहर से यह गोरखधंधा जड़ से खत्म कर सकती है तो फिर ये चुप्पी क्यों..??

अगले अंक में पढ़िए 

गोलू गट्टा और विक्की क्या सच में है अलग या दिखावा है..??

पैलेस गार्डन, कालिका माता मंदिर के पीछे गोविंद नगर, पान की दुकान बाबेल चौराहा, बस स्टैंड, कुम्हारवाड़ा, पशुचिकित्सालय, अयोध्या बस्ती, दिलीप गेट और मेघनगर नाके पर कौन – कोंन चला रहा है सट्टा..!!

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