भूपेंद्र सिंह नायक@पिटोल
बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भारत सरकार खसरा और रूबेला जैसी गंभीर जानलेवा बीमारी से निपटने के लिए सभी बच्चे जिनकी उम्र 9 माह से 15 वर्ष है, को मुफ्त में वैक्सीन दे रही है। सभी स्कूलों , सामुदायिक केन्द्रों, आंगनवाड़ी केन्द्रों और सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण किया जायेगा जिसके अंतर्गत प्रथम चरण में सभी शासकीय गैर शासकीय स्कूल संस्थानों में कैंप के माध्यम से अभियान चलाकर टीकाकरण किया जा रहा है जिससे वायरस के दुष्परिणाम से बचा जा सके।
2460 बच्चो का आज होगा टीकाकरण
पिटोल की कुल 14 शासकीय गैर शासकीय स्कूल संस्थानों में कुल 1460 लाभार्थी बच्चे है जिनका आज टीकाकरण किया जा रहा है। पिटोल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ अंतिम बड़ोले ने बताया की कुल 14 विद्यालयों में टीकाकरण हेतु 18 टीमो का गठन किया गया है जिनमे 1 एनएम व 1 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है जो पूर्ण रूप से प्रशिक्षित है। साथ ही इन टीमो की देखरेख हेतु 5 सुपरवाईजरो द्वारा की जा रही है।साथ ही डॉ बड़ोले के साथ पिटोल सरपंच काना गुन्डिया इन सभी केन्द्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थायो का जायजा ले रहे है।
क्या हैं खसरा व रूबेला
डॉ बडोले ने बतया की मीजल्स (खसरा) को आम तौर पर छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है। यह एक जानलेवा व अत्यधिक संक्रामक होता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से यह बीमारी फैलती है। इसमें निमोनिया, डायरिया व दिमागी बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है। चेहरे पर गुलाबी-लाल चकत्ते, तेज बुखार, खांसी, नाक बहना व आंखें लाल होना मर्ज के लक्षण हैं। बच्चो में खसरे के कारण विकलांगता तथा असमय मृत्यु हो सकती है।
रूबेला एक संक्रामक रोग है जो वायरस द्वारा फैलता है इसके लक्षण खसरा जैसे ही होते हैं यह बालक बालिकाओं दोनों को संक्रमित कर सकता है। यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरूआती चरण में इससे संक्रमित हो जाये तो कंजेनिटल रूबेला सिंड्रोम हो सकता है जो भ्रूण व नवजात के लिए जानलेवा है इसलिए टीका लगाना अनिवार्य है।
साथ डॉ बड़ोले ने सभी व्यक्ति जिनके बच्चो की उम्र 9 माह से 15 वर्ष है अपिल की है की वे किसी कारण से यदि टीकाकरण से वंचित रह गए है, तो वे जल्दी से जल्दी अपने बच्चो को टीकाकरण करवाकर अपने बच्चो का सुरक्षित व निरोगी भविष्य निर्माण करे।
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