हिन्दू धर्म की सबसे आध्यात्मिक और धार्मिक यात्रा कावड़ यात्रा..! यानी आस्था, श्रद्धा और विश्वास की अनूठी मिसाल..! इसके साथ अगर गंगा-जमना तहजीब की मिसाल भी पेश हो जाये तो वह पल आंखों को सुकून देने वाले हो जाते है। देश में जहां सांप्रदायिक मुद्दों को लेकर लोग असहज महसूस करते हो, वहां इस तरह से मुस्लिमो द्वारा कांवड़ यात्रा में भागीदारी करना यह साबित करता है कि भगवान में श्रद्धा धर्म, जाति और किसी भी संप्रदाय से बहुत ऊपर होती है। एकता और भाईचारे की यह मिसाल देश और समाज मे साम्प्रदायिकता की आग फैलाने वालों पर जोरदार तमाचा है।
जी हां, झाबुआ जिले के पेटलावद नगर से एक ऐसी ही खबर आई है, जो कि देश मे अभी भी भाईचारा मौजूद होने के संकेत दे रही है और जो उस भारत की झलक देती है जहां विभिन्न सम्प्रदायों के लोग आपसी भाईचारे की झलक पेश करते रहते हैं। यहाँ सांप्रदायिक सद्भाव की ऐसी बयार बही कि श्रावण के चौथे सोमवार से पहले ही हिंदु-मुस्लिम भाईचारे में रंग गया। भोले का अभिषेक करने कावड़ लेकर निकले शिव-भक्तों का समग्र मुस्लिम समाज ने हुसैनी चौक में मंच लगाकर भव्य स्वागत किया। जिसमें अंजुमन, कोमी-एकता, साबरी, उर्स, कब्रस्तान, छटी शरीफ, अल रजा और मुस्लिम नवयुवक कमेटी के सदस्यों ने शिव-भक्तों पर फूल बरसाकर और गले लगाकर आगे रवाना किया, मुस्लिम युवाओं के प्रेम से भोले के भक्त भी अभिभूत हो गए। भाईचारा मजबूत करने के लिए यह बहुत अच्छा कदम है। खुशी है कि दोनों समुदायों के लोग प्रेम और एकता की नई मिसाल कायम कर रहे हैं। धर्मालुजनो ने किया भव्य स्वागत-
तहसील ब्राह्मण समाज ने पुराना बस स्टैंड पर फूलो की बारिश कर कावड़ यात्रा का स्वागत किया। तलावपाड़ा, राम मोहल्ला, राजापुरा, गांधी चौक, पुराना बस स्टेण्ड, कानवन मार्ग पर पूष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। नगर के नागरिको और समाजसेवीयो द्वारा यात्रा प्रमुख पंडित श्री दवे को तिलक लगातार पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। इसी के साथ जगह-जगह फल, दूध, मिठाई, शरबत व पानी पाउच से उनका आत्मीय स्वागत किया गया। वहीं पुराना नाका मित्र मंडल ने साई मंदिर, अखिल भारतीय हिंदू महासभा, विश्व हिंदू परिषद ने कानवन मार्ग पर काविडय़ो का जोशिला स्वागत किया।
प्रतिवर्ष देखने को मिलती है एकता और भाईचारे की अनूठी मिसाल-
वैसे तो भारत में हर तरह के धर्म को बराबर का दर्जा प्राप्त है, लेकिन जब बात सचमुच ऐसा करने और दिखाने की आती है तो ज्यादातर धर्मों के लोग पिछे हट जाते हैं। भारत को सर्वधर्म संम्भाव वाला देश कहा जाता है। हिन्दु अपने त्योहार को लेकर उत्साहित रहते हैं और मुस्लिम अपने। अक्सर ऐसा कम देखा जाता है कि ये दोनों धर्म कभी दुसरे धर्म के किसी त्योहार को लेकर उत्साहित हो या उसमें शामिल हो। सावन के महीने में लोग गंगा जल लेने के लिए कई किमी पैदल चलते हैं और गंगाजल लाकर शिव का जलाभिषेक करते हैं, लेकिन पेटलावद में प्रतिवर्ष कावड़ यात्रा के दौरान एक अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। यहां मुस्लिम कादरी परिवार सहित समाजजन मिलकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने कांवड़ लेकर निकले शिवभक्तों का रंग-गुलाल ओर फूलो की बरसात कर स्वागत करते है, जो वाकई में देश की सांम्प्रदायिक एकता की अनूठी है। तहसील में कोटवार के पद पर पदस्त स्वर्गीय लियाकत हुसैन कादरी जब से यह कावड़ यात्रा शुरू हुई है तब से ही वे अपने परिवार के साथ मिलकर यात्रा का स्वागत करते थे, एक वर्ष पहले माहे रमजान के पूर्व उनका इंतकाल (निधन) हो गया, लेकिन उनके इंतकाल (निधन) के बाद परिवार ने स्वागत सत्कार की इस परंपरा को बंद नही की।