खनिज निगम के आदिवासी श्रमिकों के शोषण मे जुटी सरकार ; एक राज्य मे दो नियम कैसै ?

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झाबुआ Live ————–

क्या कोई सरकार अपने ही श्रमिकों के साथ वेतन मे भेदभाव कर सकती है ? आप सोचेंगे नहीं लेकिन आज हम आपको मय प्रमाण बता रहे है कि मध्यप्रदेश की ” शिवराज सरकार” ऐसा भेदभाव कर रही है देखिए यह खास रिपोर्ट । 

चंद्रभान सिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर 

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के अंतर्गत आने वाले मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम अपने ही प्रदेश के एक ही श्रेणी के श्रमिकों मे भेदभाव कर रही है । झाबुआ की मेघनगर इलाके की राक फास्फेट की खदानों मे करीब 100 आदिवासी श्रमिक काम करते है जो डायरेक्टर जनरल मांइस सेफ्टी द्वारा मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण को हासिल कर चुके है साथ ही हर साल विभागीय प्रशिक्षण भी हासिल करते है लेकिन मध्यप्रदेश सरकार का खनिज निगम इन्हे अकुशल श्रमिक मानकर अभी तक मात्र ₹ 448 रुपये प्रतिदिन का मानदेय देती है जबकि सागर जिले की हीरापुर स्थित राक फास्फेट की खदानों मे काम करने वाले श्रमिकों को सरकार कुशल श्रमिक मानकर ₹ 637 प्रतिदिन मानदेय देती है इसलिए तरह सरकार भेदभाव कर प्रतिदिन झाबुआ के आदिवासी श्रमिकों को ₹189 कम दे रही है । इस संबध मे झाबुआ के इन श्रमिको ने खनिज निगम को आग्रह पत्र लिखकर खुद को कुशल श्रमिक मानकर हीरापुर  ( सागर ) के श्रमिकों की तरह ही मानदेय दिया जाये । इस संबंध मे हमने मेघनगर स्थित खनिज निगम के महा प्रबंधक ” सुनील कुमार ” से निगम का पक्ष जानना चाहा लेकिन उनका मोबाइल नंबर 7974768428 लगातार बंद आया । 

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