क्या? बच सकती थी बुजुर्ग की जान, परिजनो ने लगाया डॉक्टरो पर लापरवाही का आरोप

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Salman Shaikh@ Jhabua Live

पेटलावद। हाल के कुछ वर्षो में धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरो को कई बार कठघरे में खड़ा किया है। संभवत: ये कभी इलाज के नाम पर व्यवसाय से जुड़ा हुआ दिखा, तो कभी डॉक्टरो की लापरवाही दिखी, वजह चाहे जो भी हो, पर अगर किसी ने सबकुछ लूट जाने के बाद कुछ खोया तो वो उनके अपने मरीज थे। इसी तरह का एक मामला पेटलावद में सामने आया है कि जिसमें एक बुजुर्ग को उनके परिजनो ने सदा के लिए खो दिया, वो भी डॉक्टरो की लापरवाही के कारण।
दरअसल, बीती रात अपने घर में बाड़े में गए बुजुर्ग को जहरीले सांप ने कांट ने कांट लिया। परिजन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां रात में ही इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। परिजनो ने इसके बाद डॉक्टरो पर लापरवाही का आरोप लगाया है। अब बड़ा सवाल यह है कि सर्पदंश से घायल को तत्काल हास्पीटल लाने के बाद भी उसकी जान चली गई, क्या उसकी जान बच सकती थी या डॉक्टरो की लापरवाही के कारण उसे सही ट्रिटमेंट नही दिया गया और उसकी जान चली गई।
जानकारी के मुताबिक माही कॉलोनी निवासी बद्रीलाल पिता कचरू प्रजापत (60) रात में अपने घर के पीछे बाड़े में शोच के लिए गए थे, तभी उन्हें जहरीले सांप ने डंस लिया। इसके बाद परिजन उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में ले लिया है। शव का पीएम कराकर परिजनो के सुपूर्द किया गया। इसके बाद मुक्तिधाम पर उनका दाहसंस्कार किया गया।
पोते ने लगाए डॉक्टरो पर लापरवाही के आरोप-
इधर..दाहसंस्कार के बाद पोते श्याम पिता सुरेश प्रजापत ने अपने साथ किशनलाल, रूपेश प्रजापत, नितेश प्रजापत, गौतम, अमृतलाल प्रजापत, अशोक जाजपर, ओमप्रकाश, जितेंद्र, मुकेश प्रजापत के साथ मिलकर डॉक्टरो पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उसने इस बाबद् पुलिस थाने में एक आवेदन दिया जिसमें बताया कि उसके दादाजी रात में सो रहे थे तो उन्हें चक्कर आने लगे तो उसके पूछने पर दादा ने बताया कि उन्हें सांप ने काट लिया। जिससे वह घबरा गया और इसके बाद उसने संबंधी को फोन करगाड़ी बुलाकर दादाजी को हास्पीटल भर्ती कराया। श्याम का कहना है कि डॉक्टरो ने उन्हें बताया कि इनको सांप नही चूहे ने काटा है। इसके बाद डॉक्टर बघेल एक बोतल लगाकर घर चले गए। उसके बाद डॉक्टर वरसिहं डाबी भी घर चले गए।
मौत के बाद किया रेफर..आखिर क्यो..?
आरोप है कि बुजुर्ग बद्रीलाल की हालत देख परिजनो ने रेफर करने की बात भी कही। मगर, डॉक्टरो ने रेफर करने से मना कर दिया। तंत्र की लापरवाही का आलम यह है कि मरीज की मौत हो जाने के बाद रेफर का कागज बनाकर परिजनो को थमाया गया। यही काम गर पहले ही डॉक्टरो द्वारा कर दिया होता तो शायद उनकी जान बच सकती थी, लेकिन डॉक्टर सिर्फ बॉटल चढक़र ठीक होना बताते रहे। श्याम ने आवेदन में बताया दादाजी जैसे ही बेहोश हुए तो स्वीपर रंजित बसोड़ बोला कि डॉक्टर को बुलाना पड़ेगा डॉक्टर को बुलाया तो रंजित ने बोला कि यह मृत हो चुके है। फिर डॉक्टर बघेल और डॉक्टर डाबी ने दादाजी को मृत अवस्था में झाबुआ रेफर कर दिया। उनका कहना है कि अगर दादाजी को सही समय पर सही उपचार मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी, लेकिन डॉक्टरो द्वारा लापरवाही की गई, जिससे हमने दादाजी को खो दिया। श्याम ने पुलिस से वैधानिक कार्यवाही करने की मांग की है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो-
सोशल मीडिया पर पीडि़त परिवार द्वारा डॉक्टरो से बहस का वीडियो भी वायरल हुआ है। जिसमें डॉक्टर खुद परिजनो द्वारा पूछे गए सवालो के जवाब देने में हिचक रहे है और अपने सीनियर डॉक्टर के आने की बात कर रहे है। हालांकि यह जांच का विषय है कि आखिर उनकी जान कैसे गई। अस्पताल में सर्पदंश से घायल व्यक्ति के लिए संपूर्ण इलाज की व्यवस्था है, लेकिन यह इलाज बुजुर्ग को क्यो नही दिया गया ऐसे सवाल इस मौत के बाद डॉक्टरो पर खड़े हो रहे है।
लापरवाही से हो चुके है पहले भी मौते-
जानकारी के लिए बता दे कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इससे पहले भी मरीजो की मौत हो चुकी है। ऐसे कई मामलो में डॉक्टरो की लापरवाही उजागर हुई है। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन इस मामले को लेकर गंभीरता नही दिखा रहा है। जबकि दावा करते है कि अस्पताल में मरीजो को समुचित व नि:शुल्क इलाज मिल रहा है। हकीकत देखने पर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती मरीजो पर हकर किसी को तरस आती है। पैसे के अभाव में अस्पताल की चौखट पर इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजो को समुचित इलाज मुनासिब है।
मैं कल छुट्टी पर थी, मामला दिखवाती हूं-
इस संबंध में बीएमओ डॉक्टर उर्मिला चोयल का कहना है कि वह कल छूट्टी पर थी, इसलिए उन्हें इस मामले में कुछ पता नही है। मामला दिखवाती हूं।

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