क्या आगामी 10 दिनों के लॉक डाउन में ग्रामीण क्षेत्रों के बाशिंदों को  मिल पाएगा राशन……?

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  भूपेंद्र सिंह नायक@पिटोल

करोना महामारी को लेकर संपूर्ण विश्व इस बीमारी से चिंतित हैं वही हमारे भारत देश में आज लॉक डाउन के 10 दिन पूर्ण हो चुके हैं पहले तो ग्रामीणों को सब्जी दूध राशन के लिए सुबह 6 से 10 तक छूट मिल जाती थी तब वहां अपने लिए राशन पानी खरीद कर अपने घर गांव की ओर चले जाते थे परंतु झाबुआ कलेक्टर प्रबल सिपाहा द्वारा 3 दिन लॉक डाउन को बढ़ाकर 10 दिन कर देने से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें खींचने लगी है कि अगले 10 दिन बिना राशन पानी के कैसे निकाले जाएंगे जिसे अब सरकार एवं जिला प्रशासन को इस ओर सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत है

 व्यापारियों को फोन करके सहायता मांगते हैं ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहक

देश प्रदेश एवं जिले में इस विपदा की घड़ी में व्यापारी से 12 महीने व्यापार करने वाला ग्राहक अब यह आस लगाए बैठा है कि मुश्किल की घड़ी में राशन पानी के लिए हमारा स्थाई व्यापारी हमारा सहयोग करेगा परंतु देश इस संक्रमण वाली महामारी बीमारी से देश समस्त प्रकार के व्यापारी इस विकट घड़ी में भी प्रशासन के साथ खड़ा है इसलिए ग्रामीणों को चिंता हो रही है कैसे कठिन दिनों को समस्याओं को कैसे निजात पाए ऐसे ही काफी दिन तक बंद रहेगा तो राशन रोजमर्रा के उपयोग की खाद्य सामग्री का इंतजाम कहां से करेंगे

 सरपंचों ने प्रशासन से मांगा इस विकट समय में सहयोग

 झाबुआ जिले के सरपंच संघ के अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तथा पिटोल के सरपंच का काना गुडिया सहित आसपास के सरपंचों ने मांग की है कि ग्रामीण बाजार में प्रशासन के सहयोग से सामाजिक दूरी का पालन करें इसलिए प्रशासनिक लोगों तथा पुलिस बल के सहयोग से व्यापारियों से खाने एवं आवश्यक जीवन उपयोगी खाद्य सामग्री का वितरण कराया जाए एवं पुलिस बल की उपस्थिति में सरकारी राशन की दुकान से भी गेहूं चावल आदि सामग्री का वितरण कराई जाए इस करोना महामारी की बीमारी भारी है परंतु गरीब अशिक्षित आदिवासी समाज जीवन उपयोगी वस्तुओं का व्यवस्था की जाए

 ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं होता सोशल डिस्टेंस का पालन
 देश के प्रधानमंत्री द्वारा सोशल डिस्टेंस का कड़ाई से पालन करने के लिए देश की जनता से बार-बार अनुरोध किया जाता है परंतु हमारे जिले में जब ग्रामीण व्यापार करने के लिए सुबह 6 से 10 बजे तक बाजार में व्यापार करने आता है तब उसे इस चीज का भान ही नहीं रहता कि मुझे इस बीमारी से बचने के लिए दूरी बनाकर व्यापार करना है इसी के चलते सरकार एवं प्रशासन ने संपूर्ण लोग डाउन की घोषणा की है 3 दिन के लोग डाउन से पहले केवल सुबह 6 से 10 बजे तक जब व्यापार की छूट मिलती थी तब दूध किराना मेडिकल सब्जी आदि सामान के लिए छुट्टी परंतु शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंस या सामाजिक दूरी का पालन नहीं होता था जिससे बीमारी फैलने का खतरा बना रहता था इस वजह से संपूर्ण लॉक डाउन किया गया ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की मुस्तैदी इसका पालन हो रहा है परंतु ग्रामीण पुलिस से बचकर गांव तक इस आशा के साथ पहुंच जाता दाल चावल सरकार चाय आदि राशन चुपके से मिल जाएगा हमें भी मिल जाएगा परंतु व्यापारियों द्वारा मना करने पर वे अपने निराश ही अपने गांव लौट जाते हैं

 पिटोल के युवा कर रहे गरीब परिवारों में राशन वितरण
पिटोल नगर में निवासरत सभी समाज धर्म वर्ग के लोगों के जन सहयोग से जिसमें किसानों द्वारा गेहूं मक्की तथा आटा एवं व्यापारियों द्वारा तेल शकर चावल नमक मिर्ची मसाला आदि वस्तुओं के दान से पिटोल के सभी समाज के युवा वर्ग के लोग गरीब लोगों को चिन्हित कर जो रोज कमाते थे और खाते थे ऐसे परिवारों को जिसमें घुमक्कड़ जाति के लोग एवं दलित बस्ती के में रहने वालों के घर घर जाकर खाद्य सामग्री का वितरण कर रहे हैं जिसका पिटोल नगर सहित आसपास के ग्रामीण भी इन सेवा कार्य करने वाले लोगों की प्रशंसा कर रहे हैं इस विपदा की घड़ी में यही सच्ची सेवा नर सेवा नारायण सेवा का भाव लेकर कर रहे

 बिना मुनादी जी के लॉक डाउन में आज पिटोल की स्थिति हुई गंभीर

आज सुबह पिटोल नगर में बिना कोई सोशल डिस्टेंस के इतने लोगों की भीड़ हो गई जिसे काबू में करना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हुआ क्योंकि कलेक्टर साहब द्वारा लोक डाउन की सूचनाएं शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों को तो मिल जाती है परंतु ग्रामीण क्षेत्र के दूरस्थ गांव में बसे ग्रामीणों को नहीं मिलती है जिला प्रशासन द्वारा 10 दिन का लॉक डाउन किया गया है उसकी सूचना ग्रामीणों को नहीं मिलने से वे लोग सुबह जल्दी उठकर अपने व्यापार के लिए अपने कदमों को बाजार की ओर चलने के लिए मजबूर हो जाते हैं जब उन्हें यहां आकर पता चलता है कि आज भी बाजार में राशन की दुकानें बंद रहेगी और हमें राशन पानी नहीं मिलेगा तो वह आक्रोशित होकर व्यापारियों आम जनता एवं पुलिस प्रशासन पर भी हमला करने की सोचते हैं सूत्रों की माने तो आज ऐसी स्थिति में दो जगह जहां पुलिस वालों से ग्रामीणों ने जबरदस्ती नोकझोंक हुई उसके साथ ग्रामीण आक्रोशित होकर पुलिस पर दबाव बनाने लगे कि हमें गांव में जाने दो व्यापार करने दो परंतु गांव के वरिष्ठ व्यापारियों एवं नागरिकों ने समझा-बुझाकर आज फिर उन्हें रवानगी दी और उन्हें समझाया कि जब तक जिला कलेक्टर के आदेश नहीं आएगा तब तक हम दुकान खोल आपको राशन पानी सामान नहीं सकते और अगर कुछ दिनों में ग्रामीणों की समस्याओं का राशन पानी का समाधान नहीं हुआ तो प्रशासन के लिए भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा

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