कृषि आदान व्यवसायी अब पैराएक्सटेंशनिस्ट की भूमिका में – जिले के 74 अभ्यर्थीयो की कृषि डिप्लोमा पाठ्यक्रम परीक्षा सम्पन्न

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झाबुआ desk। मानवसभ्यता के विकास के साथ ही खेती किसानी में नित नई विधाओं को अपनाने का सुदीर्घ इतिहास रहा है। वैज्ञानिक अनुसंधानो से कृषिगत क्षेत्र में विकसित नित नई उन्नत तकनीक अपनाने मे भी किसान समुदाय कभी पीछे नही रहा। किन्तु बदलते हुऐ वैश्विक परिवेश के मद्देनजर यह आवश्यक है कि कृषिगत क्षेत्र की टिकाउ उन्नति और उत्तरोत्तर आर्थिक विकास के लिये नवीन तकनीक के प्रचार-प्रसार में कृषि आदान व्यवसायी समुदाय की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित की जावे। कृषि आदान व्यवसाय के क्षेत्र मे दशको से जुडे व्यापारी समुदाय और युवाओ को नवीन और उन्नत वैज्ञानिक कृषि तकनीक और समझ से सुपरिचित करवाने के लिये भारत सरकार द्वारा प्रारंभ डिप्लोमा पाठ्यक्रम की जिले में दो बैचेस की परीक्षा सम्पन्न हुई। भारत सरकार की कृषि विस्तार क्षेत्र की देश की शीर्षस्थ संस्था मेनेज हैदराबाद द्वारा देश में कृषि आदान विक्रेताओ और इस क्षेत्र में कार्य करने के इच्छुक व्यक्तियो के लिये बहुआयामी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित किया जाता है। मार्च 2023 में प्रारंभ जिले में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की दो बैचेस की अंतिम परीक्षा मैनेज हैदराबाद के फेसिलिटेटर डॉ. आर.के. यादव वरिष्ठ वैज्ञानिक और राज्य स्तरीय कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान भोपाल के प्रतिनिधि गौरीशंकर त्रिवदी की देखरेख में सम्पन्न हुई। परीक्षा आयोजन के लिये एस.एस.मोर्य सहायक संचालक, सरोज मोर्य वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को एक्सटर्नल एक्जामिनर के रूप में नियुक्त किया गया था। डॉ. यादव ने अपने सहयोगी परीक्षको के साथ पाठ्यक्रम की लिखित परीक्षा, स्पॉटिंग परीक्षा, मौखिक परीक्षा लेते हुऐ अभ्यर्थीयो द्वारा पाठ्यक्रम अवधि में बनाये गये विभिन्न छः-छः रिकार्डस का मूल्यांकन किया। अभ्यर्थीयो को पाठ्यक्रम के दौरान आंवटित विषय पर असाईनमेंट, समस्या समाधान पंजी, हार्बेरियम फाईल, ड्रांइग, सफलता की कहानी, भम्रण पंजी संधारित की जानी होती है। अनवरत संचालित रहे डिप्लोमा कोर्स में जिले के पंजीकृत अभ्यर्थीयो द्वारा कृषि विज्ञान के विभिन्न 80 विषयो पर सैंद्धान्तिक व्यवहारिक अध्ययन के साथ-साथ 08 प्रायोगिक सत्रो के माध्यम से खेती किसानी से संबधित वैज्ञानिक ज्ञानार्जन किया। पाठयक्रम की कक्षाओ का संचालन कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ में तथा व्यवहारिक कक्षाओ का फिल्ड में आयोजन किया गया।

  जिले के उप संचालक कृषि नगीनसिंह रावत द्वारा डिप्लोमा पाठ्यक्रम की जिले के संदर्भ में विशेष महत्ता और उपयोगिता बताई गई। परीक्षा के अंतिम चरण में पाठ्यक्रम अभ्यर्थीयो को अभिप्रेरित करते हुऐ उप संचालक रावत ने कहां कि कीटनाशको और उर्वरक विक्रय के साथ-साथ उनके न्यायोचित ढ़ंग से उपयोग के बारे में भी किसानो को बेहतर ढ़ंग से जानकारी देने में डिप्लोमा पाठ्यक्रम आदान व्यवसायीयों के लिये मददगार साबित होगा। डिप्लोमा पाठ्यक्रम के माध्यम से जिले के आदान विक्रेता और अन्य नागरीक उन्नत कृषिगत प्रोद्योगिकी के गुढ़ रहस्यो को महीनता से समझकर किसान समुदाय की आजिविका उन्नयन में कन्धे से कन्धा मिलाकर अपना योगदान दे सकेगे। डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालन के लिये जिले की नोडल ट्रेनिंग इंस्टीटयूट के समस्त स्टॉफ द्वारा पाठयक्रम संचालन में अपना सतत् अपरिहार्य योगदान देते हुऐ पाठ्यक्रम को परीक्षा आयोजन के स्तर तक निर्बाध रूप से पहुंचाया। कृषि विभाग अंतर्गत डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालन मे कोर्स कोर्डिनेटर एम.एस.धार्वे उप परियोजना संचालक आत्मा, फेसिलिटेटर प्रदीप पिपाडा, कम्प्यूटर प्रोग्रामर ब्रजेश गोठवाल, मनुएल भाबोर की महति भूमिका रही। दो दिनो तक लगातार सम्पादित परीक्षा कार्यक्रम के उपरान्त दोनो बैचेस के डिप्लोमा अभ्यर्थीयों को पाठ्यक्रम के अनुभवो को चिरस्थाई बनाने के लिये परीक्षको के साथ ग्रुप फोटो भी करवाया गया। पाठ्यक्रम की पूर्णता पर समस्त अभ्यर्थीयो में संतोष भाव का संचरण हुआ।

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