कुरीतियों से दूर रहकर ही समाज का विकास संभव : आचार्य

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5 6झाबुआ लाइव के लिए झाबुआ से अशोक बलसोरा की रिपोर्ट-
धर्मरक्षक सेवा समिति द्वारा झाबुआ जनजागरण पद यात्रा के सातवे दिन पूज्य आचार्य प्रणवानंद महाराजने कहा कि अपने भीतर मानवीय भाव जगाए, एक दूसरे की मदद करे, सब मिलकर गांव में प्रेम से रहे। कोई आदमी आप को बीमार दिखे उसकी मदद करे, कोई भूखा मिले उसको भोजन कराए, अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर अपनी कमाई को बचाकर रखे। जीवन में धन की बहुत आवश्यकता है। आप के पास धन हो तो आप के काम आएगा। शराब जैसी बुराइयों में अपने धन को व्यर्थ में बर्बाद मत करो। धर्म बुराइयों से बचाकर हमे आर्थिक मजबूती प्रदान करता है। धर्म हमे व्यर्थ की बुराइयों से बचाकर विकास के रास्ते पर ले जाता है। आचार्य ने कहा व्यक्ति को अपने धर्म को छोडऩा नही चाहिए। गुरु गोविंदसिंह महाराज के छोटे छोटे बच्चों ने प्राण दिए लेकिन अपना धर्म नहीं छोड़ा। शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी ने भी प्राण देकर अपने धर्म की रक्षा की। आचार्य प्रणवानंदजी ने ग्राम बियाडा में ग्रामीण के घर में रोटी खाई और वही पर आराम किया। विशाल धर्म सभा को संबोधित करते हुए स्वामी महाराज ने कहा कि हिंदू धर्म महान परम्पराओं धर्म है। इसमें करुणा, दया, समत्व आदि गुणों का समावेश है। इस दौरान आचार्य श्री ने पांच हजार रुपए देकर सब से निधि लेकर मन्दिर निर्माण का संकल्प दिलाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इन में जातियां अनेक है परन्तु सब का धर्म एक है। यही एकत्व का भाव राष्ट्रीय एकता में बदल जाता है। सभा को पूज्य संत कानुराम महाराज, झाबुआ राजकुंवर कमलेन्द्र, अमेरिका के विनायक, जानूभाई, वालसिंह ने सभा को संबोधित किया। विशाल समुदाय के साथ सरपंच फतेह सिंह ने आचार्य का स्वागत किया।

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