पांच पहर काम (कर्म) किया, तीन पहर सोए, एको घड़ी न हरी भजे तो मुक्ति कहाँ से होए – कथावाचक मुरलीधर शास्त्री

सप्त दिवसीय श्री मद्भागवत कथा का हुआ समापन, भव्य शोभायात्रा हवन-यज्ञ व भंडारे का किया गया आयोजन

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दीपक जैन/कल्याणपुरा

नगर के आवड़ माता मंदिर प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भगवान कथा ज्ञान यज्ञ का गुरुवार को समापन किया गया।

जिस अवसर पर कथा प्रांगण से होते हुए मुख्य मार्गो से गाजे बाजे के साथ धूम-धाम से भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
इस अवसर पर कथावाचक आचार्य प. श्री मुरलीधर शास्त्री धारीयाखेड़ी जी के द्वारा विधिवत पूजा अर्चना के साथ हवन यज्ञ व पूर्णाहुति विधिवत मंत्रोच्चार के साथ करवाया गया।इस अवसर पर यजमानों ने हवन यज्ञ में आहुति देकर सुख सम्रद्धि की कामना की।
इस अवसर पर कथावाचक प.श्री मुरलीधर शास्त्री द्वारा कहा गया कि भागवत महापुराण को सुनने मात्र से लोग भव सागर से पर उतर जाते है

भागवत कथा में चार वेद, पुराण,गीता एवं श्रीमद भागवत महापुराण की व्याख्या प्रभुपाद पंडित मुरलीधर शास्त्री के मुखारविंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया। विगत सात दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम,असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किया गया विभिन्न लीलाओ का वर्णन कर वर्तमान समय मे समाज मे व्याप्त अत्याचार, अनाचार,कटुता,व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निमार्ण के लिए योवाओ को प्रेरित किया ।

भागवत कथा के समापन के अवसर पर काफी तादात में श्रद्धालु शोभायात्रा में शामिल हुए व प्रसादी ग्रहण की । भागवत कथा के सात दिन तक नगर का माहौल धर्ममय नजर आया।
भीषण गर्मी में भी नगर सहित निकटवर्ती गांवों के श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का रसपान किया।
वही प्रतिदिन रात्रि को नगर की महिलाओं द्वारा भजनों का आयोजन किया गया।
जिसमे आवड़ माता मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा दिन रात कार्य कर आयोजन को सफल बनाया गया।

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