कलेक्टर ने झाबुआ जिले मे साहुकारी अधिनियम को लेकर जारी किया सख्त आदेश , डोडी पिटवाकर बताया जायेगा ग्रामीणों को

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चंद्रभानसिंह भदौरिया @ झाबुआ

झाबुआ कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने आज एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुऐ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुसार आदिवासी बहुल झाबुआ जिले मे पूर्व मे जारी किये गये साहुकारी लायसेंस को विभिन्न कारणों से अवैध ( शून्य ) घोषित करते हुऐ नया आदेश जारी किया है जिसमे कहा गया है कि अब अगर कोई भी साहुकार अगर किसी शख्स को ऋण अदायगी के लिए दबाव बनाता है या धमकाता है तो ऐसे साहुकारों के विरुद्ध मामला दर्ज किया जायेगा जिसके तहत साहुकारों को 2 साल की सजा या 10 हजार रूपये जुर्माना या दोनो से दंडित किया जा सकेगा .. कलेक्टर ने सभी SDM से डोडी पिटवाकर ओर राजस्व कार्यालयों मे सुचनाए चस्पा करने का आदेश दिया है ..।

आदेश मे कलेक्टर ने लिखा आदिवासियों का शोषण होता है

आज जारी किये गये आदेश मे कलेक्टर झाबुआ ने लिखा है कि आदिवासी बहुत गांवों मे साहुकारों द्वारा अधिक ब्याज दरों पर आदिवासियों को कर्जा दिया जाता है और ब्याज वसूल कर उनका शोषण किया जाता है जिससे उनका समग्र विकास बाधित होता है.. साथ ही उनकी चांदी या बहुमूल्य जेवरात भी गिरवी रखे जाते है ..इसलिए तुरंत प्रभाव से यह आदेश लागू किया जाये ।

आदेश के मायने समझिए

जो साहूकार बिना लायसेंस कर्ज दे चुके है तो उन्हें रकम भी लौटाना होगी ओर दिया कर्ज भूलना होगा ।

अगर कोई कर्ज लेने वाले पर साहुकार दबाव बनायेगा तो शिकायत होने पर कानूनी कारवाई संभव.है

इसका रास्ता क्या है ?

इस आदेश के बाद अगर किसी साहुकार को झाबुआ जिले मे साहुकारी का काम करना है तो उसे प्रशाशन से लायसेंस लेना होगा फिर साहुकारी का काम कर सकेगा , लेकिन दिये गये कर्ज के ब्याज की दरें सरकार तय करेगी , रजिस्टर भी मेंटेन करना पडेगा जिसे समय समय पर अधिकारी चेक करेंगे ।

लेकिन बडा सवाल – विकल्प क्यों नहीं दिया सरकार ने !

मान लीजिए इस आदेश के बाद साहुकारी अपना साहुकारी का कारोबार बंद कर देता है तो आपातकाल मे आदिवासी या गरीब शख्स को क्या तत्काल सरकार या प्रशाशन कर्ज या आर्थिक सहायता आसानी से कुछ मिनटों मे उपलब्ध करवा देंगी ? अगर हां तो इस आशय का आदेश कहाँ है ? ओर अगर नही तो क्या यह आदेश सरकार पर उल्टा तो नही पड जायेगा ?

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