झाबुआ। गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी महासंघ में 18 संगठनों में से एक कम्प्यूटर ऑपरेटर महासंघ ने मंगलवार को झाबुआ के सभी विभागो के ऑपरेटरो ने बैठक कर मंत्रियों एवं अधिकारियों से संवाद कर सरकारी विभागों में तत्कालीन सरकार द्वारा शुरू की गई आउटसोर्स व्यवस्था को पूरी बंद करने का आग्रह किया है जिसमें झाबुआ के सभी ऑपरेटर एकजुट नजर आये। कम्प्यूटर ऑपरेटर सरकार का वह हिसा है जो प्रमुख सचिव से लेकर कलेक्टर का काम करते है। लेकिन इन्हे वेतन ठेकेदार देता है वेतन के नाम पर इन्हे जो मिलता है उसे इनके ऑफिस तक जाने का खर्चा भी नही निकलता है। वल्लभ भवन के एक उच्चाधिकारी ने सरकारी नौकरियो मे किये गये प्रयोगो में सबसे अमानवीय एवं जरूर प्रयोग आउटसोर्स व्यवस्था को बताते हुए कहा कि सरकार में तीन तरह की नौकरियां मिल रही है।पहली संविदा दूसरी दैनिक वेतनभोगी और तीसरी आउटसोर्स की यू तो इन तीन नौकरीयो में कोई भविष्य नही है और तीनो ही तरह की नौकरियां शोषण करने के लिए लाई गई। इसमें भी सबसे अधिक शोषण आउटसोर्स कर्मियों का होता है जिसमें न्यूनतम वेतन मिलता है ओर न ही तो नौकरी में कोई स्थायित्व है जबकि आउटसोर्स कर्मचारी सरकारी विभागो का महत्वपूर्ण कार्य करते है। यह कर्मी मंत्रालयों से लेकर कलेक्ट्रेटो में कम्प्यूटर का सारा काम करते है। कम्प्यूटर ऑपरेटर महासंघ ने मुख्य सचिव मप्र शासन के नाम ज्ञाापन सौंपकर समस्त विभागों में नौकरी से निकाले गये कम्प्यूटर ऑपरेटरों को दोबारा सेवा में बुलाने की मांग की। ज्ञापन में महासंघ ने कहा कि अगर 10 दिनो में हमारी मांगो का निकराकरण नही हुआ तो 17 जून से सभी विभागो में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रदेशव्यापी सामूहिक हडताल करेगे। महासंघ के प्रदेषाध्यक्ष रितेश देवनाथ बताया कि मुख्य सचिव के साथ 8 अप्रैल को महासंघ की बैठक हुई थी। जिसमें सीएम ने आश्वासन दिया था कि महासंघ द्वारा ज्ञापन के जरिये जो मांग की गई है उन पर शीघ्र कार्रावाई की जाएगी। प्रदेषाध्यक्ष ने बताया गया कि बैठक के बाद भी कम्प्यूटर ऑपरेटरों को नौकरी से निकाला जा रहा है महासंघ ने यह भी मांग की है कि आगे से अब किसी भी विभाग में कार्यरत ऑपरेटरों की सेवा से पृथक नही किया जाए। ज्ञापन देने मुख्य रूप से कम्प्यूटर औपरेटर महासंघ झाबुआ के जिलाध्यक्ष विजय राठौर, उपाध्यक्ष अर्जुन भूरिया, महामंत्री विनोद पंचाल, मीडिया प्रभारी दिनेश हटिला, कोशाध्यक्ष दिलीप भायल, जोगसिंह मेडा, सुनील कुमार बघेल, बबलू भुरिया, पुष्पेन्द्र शर्मा, लक्ष्मण परमार, दीपक गुर्जर, हरीसिंह भाबर, वालचंद चौहन, विश्वविजय राठौर, सरदार देवडा, राधुसिंह अखाडिया, राकेश चरपोटा, आशीष जोशी, अमित बर्मन, असलम खॉन, विनोद राठौर, बद्रीलाल डामोर, आनंद सिंगाारे आदि उपस्थित थे।
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